नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के चार चरणों की वोटिंग खत्म हो चुकी है. भारतीय जनता पार्टी देश के अलग-अलग हिस्सों में रैलियां कर आरक्षण और जाति आधारित जनगणना को लेकर कांग्रेस पर निशाना साध रही है. इस बीच कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इन दोनों मुद्दे को लेकर बीजेपी के जवाब दिया. साथ ही उन्होंने साल 2011 में जब मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री थे, उस समय कराए गए जनगणना को लेकर बीजेपी से सवाल भी पूछा.
न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, “आरक्षण का पूरा हक अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्गों को मिलना है. इसके लिए जाति जनगणना कराना जरूरी है. 2011 में जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे, उस समय आर्थिक, सामाजिक और जाति जनगणना कराई गई थी. उस रिपोर्ट में जाति को लेकर जो जानकारी सामने आई थी, वो प्रकाशित नहीं हो पाई क्योंकि उसे अंतिम रूप देने में तीन साल का समय लगा गया. इसके बाद केंद्र से हमारी सरकार चली गई और फिर मोदी सरकार ने उसे कभी प्रकाशित नहीं किया.”
कांग्रेस नेता ने कहा, “मोदी सरकार ने अभी तक अपना स्पष्टिकरण नहीं दिया है कि क्या वो सामाजिक, आर्थिक और जनगणना के पक्ष में है या नहीं. साल 1992 में सुप्रीम कोर्ट ने मंडल आयोग के संदर्भ में एक निर्णय दिया था, जिसमें कहा गया था कि एससी, एसटी और ओबीसी के लिए 50 फीसदी आरक्षण की सीमा होना जरूरी है.”
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, “भारतीय संविधान के 9वीं अनुसूची में सिर्फ तमिलनाडु के आरक्षण का कानून शामिल है. तमिलनाडु में 69 फीसदी आरक्षण है, लेकिन वह गैर संवैधानिक नहीं है. जब सभी राज्यों में 50 फीसदी की सीमा पार किया जाता है तो उसे गैर संवैधानिक कहा जाता है. संवैधान के खिलाफ कहा जाता है. हमने कहा कि हम 50 फीसदी के सीमा को बढ़ाएंगे. हमारा पीएम मोदी से सवाल है कि क्या आप 50 फीसदी की सीमा को बढ़ाएंगे या नहीं. क्या आप जाति जानगणना कराएंग कि नहीं?”
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