• img-fluid

    आखिर क्यों की जाती है गोवर्धन पूजा, जानिए इससे जुड़ी पौराणिक कथा

  • November 02, 2024

    नई दिल्ली। गोवर्धन पूजा जिसे ‘अन्नकूट पूजा’ भी कहा जाता है। इस पर्व को कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत की पूजा के कारण इसे गोवर्धन पूजा का नाम मिला। यह त्योहार दिवाली के अगले दिन मनाया जाता है और इसका उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों की पूजा और संरक्षण का संदेश देना है। इस वर्ष गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त 2 नवंबर को दोपहर 3 बजकर 22 मिनट से लेकर शाम 5 बजकर 34 मिनट तक का है। इस शुभ मुहूर्त में गोवर्धन पूजा करना बहुत ही शुभ माना गया है।

    पौराणिक कथा के अनुसार, एक समय ब्रजवासियों ने इंद्र देवता की पूजा करने का आयोजन किया। इंद्र देव वर्षा के देवता माने जाते हैं और इसलिए सभी लोग मानते थे कि उनकी कृपा से वर्षा होगी और फसलें अच्छी होंगी। परंतु श्रीकृष्ण ने लोगों को यह समझाया कि हमें प्रकृति और अपने परिवेश की रक्षा और पूजन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गोवर्धन पर्वत हमारे मवेशियों और जीवन के लिए अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि यह घास, जल और अन्य प्राकृतिक संसाधन प्रदान करता है।


    श्रीकृष्ण के इस तर्क को सुनकर ब्रजवासी इंद्र की पूजा छोड़कर गोवर्धन पर्वत की पूजा करने लगे। इंद्र इस बात से क्रोधित हो गए और उन्होंने मूसलाधार वर्षा शुरू कर दी। चारों ओर पानी भर गया और लोगों का जीवन संकट में आ गया। तब श्रीकृष्ण ने अपनी छोटी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया और सभी ब्रजवासियों को उसके नीचे आश्रय दिया। सात दिनों तक श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाकर लोगों की रक्षा की। अंततः इंद्र देव को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण से क्षमा मांगी। तब से गोवर्धन पूजा का प्रचलन शुरू हुआ, जिसमें भगवान कृष्ण को गोवर्धन पर्वत के रूप में पूजने की परंपरा बन गई।

    गोवर्धन पूजा हमें प्रकृति और उसके संसाधनों के महत्व का संदेश देती हैं। यह पर्व हमें सिखाता है कि भगवान के सृजन का आदर करना चाहिए और उसका सम्मान करना चाहिए। गोवर्धन पूजा के दौरान अन्न, फल, और अन्य खाद्य पदार्थों का प्रसाद चढ़ाकर प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त किया जाता है। इस पूजा का दूसरा महत्वपूर्ण पक्ष यह है कि यह त्योहार आत्मनिर्भरता और अपनी माटी, जल, जंगल, जानवरों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का अवसर है। इस दिन लोग गाय, बैल और अन्य मवेशियों की विशेष पूजा करते हैं, क्योंकि यह पशु हमारे जीवन के महत्वपूर्ण अंग हैं और कृषि में सहायक होते हैं।

    गोवर्धन पूजा के दिन घरों में गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाई जाती है और उस पर फल, फूल और दीप जलाकर पूजा की जाती है। इसके बाद अन्नकूट का आयोजन होता है, जिसमें विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ बनाए जाते हैं और भगवान को अर्पित किए जाते हैं। फिर यह प्रसाद के रूप में बांटा जाता है।

    Share:

    महाराष्ट्र : शाइना एनसी पर अरविंद सावंत के बयान को संजय राउत ने सही ठहराया

    Sat Nov 2 , 2024
    मुंबई. ‘इम्पोर्टेड माल’ (‘Imported goods’) वाले बयान पर महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति तेज हो गई है. शिवसेना यूबीटी सांसद संजय राउत (UBT MP Sanjay Raut) अब अरविंद सावंत (arvind sawant) के बचाव में उतर आ गए हैं. उन्होंने कहा कि कोई महिला का अपमान नहीं हुआ है. राउत ने कहा कि अरविंद सावंत हमारे बड़े […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    शनिवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved