शंघाई. चीन (China) ने करीब एक दशक बाद अपनी सेना (Army) में बड़ा बदलाव किया है और आधुनिक युद्ध यानी मॉडर्न वॉरफेयर (modern warfare) की चुनौतियों से निपटने के लिए एक नई यूनिट (unit) बनाने की घोषणा की है. इस यूनिट को नाम दिया है इन्फॉर्मेशन सपोर्ट फोर्स (ISF). 19 अप्रैल को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (People’s Liberation Army) की स्ट्रैटेजिक सपोर्ट फोर्स (PLASSF), जो इंटेलिजेंस कलेक्शन से लेकर साइकोलॉजिकल वायरफेयर, इन्फॉर्मेशन वारफेयर, स्पेस वायरफेयर और इलेक्ट्रॉनिक वायरफेयर के लिए जिम्मेदार थी, उसे भंग कर दिया गया और उसकी जगह इस नई यूनिट को बनाने का ऐलान किया गया.
शी जिनपिंग ने क्या कहा?
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने PLA (People’s Liberation Army) के वरिष्ठ अधिकारियों के मौजूदगी में नई यूनिट की घोषणा की. जिनपिंग, चीन के केंद्रीय सैन्य आयोग के चेयरमैन भी हैं. नई यूनिट की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा नई स्पेशल यूनिट एक रणनीतिक फोर्स होगी, जिसका काम नेटवर्क इन्फॉर्मेशन सिस्टम को मजबूत करना होग. जिनपिंग ने नई फोर्स से वफादारी की मांग करते हुए कहा कि कि इस फोर्स को पूरी तरह पार्टी के प्रति वफादार रहना होगा और युद्ध के लिए इनफॉरमेशन ऐसेट जैसे मुख्य काम पर पूरा ध्यान केंद्रित करना होगा.
एक दशक बाद सेना में बदलाव
चीनी सेना (Chinese Army) में करीब 10 साल बाद इतने बड़े स्तर का बदलाव किया है. इससे पहले दिसंबर 2015 में स्ट्रैटेजिक सपोर्ट फोर्स को भंग कर दिया गया था. तब से एयरोस्पेस और साइबर यूनिट इसके समानांतर काम कर रही हैं.
अब सेना की कुल 4 यूनिट
चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी यानि PLA के पास कुल चार सर्विसेज हैं. जिसमें थलसेना, नौसेना, वायु सेना और रॉकेट फोर्स शामिल है. इन चारों फोर्सेज के अलावा PLA के चार और आर्म्स भी हैं, जिसमें एयरोस्पेस फोर्स, साइबर स्पेस फोर्स, लॉजिस्टिक सपोर्ट फोर्स के अलावा नया बना इन्फॉर्मेशन सपोर्ट फोर्स भी शामिल है.
नई फोर्स क्या काम करेगी?
चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वू कियान के मुताबिक एयरोस्पेस फोर्स चीन को अंतरिक्ष में मजबूत करने में मदद करेगी. जबकि साइबर स्पेस फोर्स चीन को साइबर हमले से बचाएगी और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के मोर्चे पर काम करेगी. डाटा सुरक्षा का जिम्मा भी इसी फोर्स पर होगा. हालांकि उन्होंने नई यूनिट के कामकाज से जुड़ी ज्यादा जानकारी नहीं दी.
संडे गार्जियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक आधुनिक युद्ध (Modern Warfare) में इन्फार्मेशन सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और चीन की इस यूनिट का मुख्य काम ही इन्फॉर्मेशन कलेक्शन से लेकर उसका इंप्लीमेंटेशन होगा. इन्फॉर्मेशन सपोर्ट फोर्स (ISF), चीनी सेना के ज्वाइंट ऑपरेशन सिस्टम के लिए एक मजबूत इन्फॉरमेशन एनवायरमेंट तैयार करेगी.
शंघाई यूनिवर्सिटी ऑफ पॉलिटिकल साइंस एंड लॉ के प्रोफेसर नी लेक्सियॉन्ग कहते हैं कि चीन ने बहुत सोच-समझकर इन्फॉर्मेशन सपोर्ट फोर्स (ISF) का गठन किया है. यह पीएलए को इन्फॉर्मेशन के मामले में और मजबूत करेगा, जबकि दुश्मनों को कमजोर करेगा. वह कहते हैं कि आधुनिक युद्ध में सूचना की “निर्णायक” भूमिका है. इसी कारण पुनर्गठन आवश्यक था.
10 लोगों की लीडरशिप टीम
इन्फॉर्मेशन सपोर्ट फोर्स (ISF) का नेतृत्व 10 लोगों की टीम करेगी. जिसमें कमांडर से लेकर पॉलिटिकल कमिश्नर, दो डिप्टी कमांडर, डिप्टी पॉलिटिकल कमिश्नर, चीफ ऑफ स्टाफ और डायरेक्टर ऑफ़ पॉलिटिक्स, लॉजिस्टिक्स, इक्विपमेंट शामिल होंगे. बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस नई फोर्स का कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल बी यी को बनाया गया है. इससे पहले वह स्ट्रैटेजिक सपोर्ट फोर्स के डिप्टी कमांडर थे, जिसे भंग कर दिया गया है. दूसरी तरफ स्ट्रैटेजिक सपोर्ट फोर्स के पॉलिटिकल कमिश्नर रह चुके जनरल ली वेयी को इस नई यूनिट का पॉलिटिकल कमिश्नर बनाया गया है.
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