नई दिल्ली (New Delhi) । क्या आपके नाखूनों (fingernails) पर भी सफेद धब्बे या खड़ी-बेड़ी रेखाएं हैं जिन्हें अक्सर कैल्शियम की कमी का संकेत माना जाता है. अपने नाखूनों पर इन रेखाओं को देखकर कई बार लोग परेशान भी हो जाते हैं. इन रेखाओं को कैल्शियम (calcium) की कमी बताने वाला ‘तथ्य’ वास्तव में एक मिथक के अलावा और कुछ नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि आपके नाखूनों पर सफेद धब्बे (white spots) कैल्शियम की कमी के कारण नहीं बल्कि जिंक की कमी के कारण होते हैं.
कैल्शियम नहीं जिंक की कमी से बनते हैं धब्बे
इस लोकप्रिय धारणा को खारिज करते हुए न्यूट्रिशनिस्ट पूजा मखीजा ने इंस्टाग्राम पर एक विडियो शेयर कर बताया कि जिंक एक सूक्ष्म खनिज है जिसकी शरीर को बहुत आवश्यकता होती है. यह विशेष रूप से हृदय, हड्डियों, फेफड़ों और सैकड़ों एंजाइमों के सुचारू रूप से कामकाज करने के लिए जरूरी होता है. लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि हमारा शरीर इसे बना नहीं सकता है इसलिए जरूरी है कि शरीर तक इसे पहुंचाने के लिए हम नियमित तौर पर जिंक युक्त आहार का सेवन करें.
आयरन के बाद जिंक हमारे शरीर में दूसरा सबसे प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला खनिज है जो प्रोटीन उत्पादन, कोशिका वृद्धि और उसके विभाजन, डीएनए संश्लेषण, प्रतिरक्षा तंत्र के प्रबंधन और एंजाइम प्रतिक्रियाओं जैसे शरीर के विभिन्नत कार्यों के लिए जरूरी होता है.
उन्होंने कहा, ” जिंक को मिराकल मिनरल (चमत्कारी खनिज) के रूप में भी जाना जाता है. यह पुरानी स्वास्थ्य समस्याओं को ठीक करने में जादू की तरह काम करता है और कई परेशानियों का रातों-रात सुधार कर सकता है.”
इन फूड्स के जरिए कर सकते हैं जिंक का सेवन
खानपान के जरिए जिंक ग्रहण करने के कुछ सोर्स की जानकारी देते हुए पूजा मखीजा ने बताया कि केकड़ा, झींगा सीप जैसे सीफूड, मांस और पॉल्ट्री फूड जिंक का अच्छा स्त्रोत हैं. इसके अलावा शाकाहारी भोजन में मशरूम, पालक, ब्रोकली, लहसुन और केल जैसी सब्जियां, फलियां जैसे छोले और बीन्स, नट और बीज जैसे सेम, चिया और कद्दू, साबुत अनाज जैसे ब्राउन राइस, ओट्स और क्विनोआ, दूध से बने खाद्य पदार्थ, डार्क चॉकलेट, कॉर्नफ्लेक्स, व्हीटफ्लेक्स, म्यूसली जैसी चीजों में जिंक पाया जाता है.
जिंक की कमी के लक्षण
जिंक की कमी का पता लगाना कठिन है क्योंकि हमारी कोशिकाओं में जिंक बेहद सूक्ष्म मात्रा में होता है और इस वजह से इसका पता लगाने के लिए होने वाला ब्लड टेस्ट भी पूरी तरह से भरोसेमंद नहीं होता है. हालांकि शरीर जिंक की कमी पर कुछ लक्षण प्रकट करता है जिसके जरिए आप इसकी कमी की पहचान कर सकते हैं. नींद की कमी, इम्यून सिस्टम कमजोर होना, सेक्स के प्रति अनिच्छा, आसानी से वजन बढ़ना, दांतों का सड़ना और मसूढ़ों से खून आना, हाथ और चेहरे पर झुर्रियां और घावों का देरी से भरना जैसे कई संकेत जिंक की कमी की तरफ इशारा करते हैं.
क्या जिंक सप्लीमेंट का सेवन किया जा सकता है?
इसकी कमी को दूर करने के लिए जिंक की खुराक को अपने आहार में शामिल किया जा सकता है. बाजार में कई तरह के जिंक सप्लीमेंट जैसे जिंक ग्लूकोनेट, जिंक सल्फेट, जिंक साइट्रेट आदि उपलब्ध हैं लेकिन इन्हें डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही लेना चाहिए. हालांकि कुछ चीजें हैं जिन्हें आपको ध्यान में रखना चाहिए. जिंक की दवा आमतौर पर हर कोई खा सकता है लेकिन इनके सेवन के दौरान मतली, उल्टी, दस्त और पेट दर्द जैसे साइडइफेक्ट्स भी हो सकते हैं.
वयस्कों में प्रति दिन 40 मिलीग्राम से अधिक जिंका का सेवन बुखार, खांसी, सिरदर्द और थकान जैसे फ्लू जैसी परेशानियां पैदा कर सकता है. साइड इफेक्ट के जोखिम को कम करने के लिए बताई गई खुराक का ही सेवन करें. जब तक कि डॉक्टर ना बताएं तब तक प्रति दिन 40 मिलीग्राम से ज्यादा मात्रा का सेवन नहीं करना चाहिए.
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