डेस्क: धार्मिक शास्त्रों में नाग को देवता का रूप माना गया है. भगवान शिव के गले में भी नाग रहते हैं. हिंदू धर्म में कुछ नागों को पूजनीय माना गया है. हर वर्ष नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा की जाती है. शास्त्रों में शेषनाग, वासुकी नाग, तक्षक नाग, कर्कोटक नाग और कालिया नाग का उल्लेख मिलता हैं. सभी नागों का अपना महत्व और स्थान होता है. आइये पंडित इंद्रमणि घनस्याल से जानते हैं प्रसिद्ध पांच नागों के बारे में विस्तार से.
शेषनाग : शेषनाग ऋषि कश्यप और कद्रू के ज्येष्ठ पुत्र माने जाते हैं. इनकी माता कद्रू के छल के कारण इन्होंने सब कुछ छोड़ दिया और गंधमादन पर्वत पर जाकर भक्ति में लीन हो गए. इनकी भक्ति से प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी ने शेषनाग को पृथ्वी का भार वहन करने के लिए कहा. पौराणिक शास्त्रों के अनुसार, पृथ्वी शेषनाग के सिर पर टिकी हुई है. शेषनाग को भगवान विष्णु का सबसे बड़ा सेवक माना जाता है. भगवान श्री राम के भाई लक्ष्मण को शेषनाग का अवतार माना जाता है. शेषनाग को नागराज भी कहा जाता हैं.
वासुकी नाग : वासुकी को भगवान शिव का प्रिय सेवक माना जाता है. वासुकी को शेषनाग का भाई माना गया है. शिव जी द्वारा गले में धारण किए नाग का नाम वासुकी हैं. समुद्र मंथन के दौरान रस्सी की जगह वासुकी को ही मेरु पर्वत पर बांधकर समुद्र मंथन किया गया था. कहते हैं कि जब वासुदेव श्री कृष्ण को टोकरी में रखकर यमुना नदी पार कर रहे थे, तब भयंकर बरसात से वासुकी ने ही श्रीकृष्ण की रक्षा की थी.
तक्षक नाग : तक्षक नाग के पिता कश्यप ऋषि थे. तक्षक नाग पाताल लोक में निवास करते हैं. तक्षक को कलियुग के आगमन का कारण माना जाता है.
कर्कोटक नाग : पौराणिक कथाओं के अनुसार, कर्कोटक भगवान शिव के प्रमुख गण माने जाते हैं. कर्कोटक ने भगवान शिव की घोर तपस्या की, जिसके कारण भगवान शिव ने प्रसन्न होकर कर्कोटक को शिवलिंग में स्थान दिया.
कालिया नाग : कालिया नाग यमुना नदी में निवास करता था. बाल्यावस्था में भगवान श्री कृष्ण अपने मित्रों के साथ खेल रहे थे, उस समय उनकी गेंद यमुना नदी में गिर जाती है. तब भगवान श्री कृष्ण गेंद लाने के लिए यमुना नदी में जाते हैं. तब कालिया के साथ उनका युद्ध होता है, भगवान श्री कृष्ण कालिया को युद्ध में पराजित कर देते हैं. और उससे यमुना नदी से लौट जाने को कहते हैं.
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