मुंबई। सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद 14 जून को उनकी बॉडी कूपर अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए लाई गई थी। दोपहर लाई गई सुशांत की बॉडी का रात तक पोस्टमार्टम कर दिया गया था। ऐसे में सवाल उठाए गए थे कि सुशांत की बॉडी का पोस्टमार्टम करने में इतनी जल्दबाजी क्यों दिखाई गई। पोस्टमार्टम के बाद सुशांत का विसरा जांच के लिए सुरक्षित रख लिया गया था। विसेरा की जांच कर रही एम्स की मेडिकल टीम केस को सुलझाने में मदद कर सकती है।
एम्स की फॉरेंसिक टीम सुरक्षित रखे गए सुशांत के विसेरा का टेस्ट कर रही है। मेडिकल टीम को शक है कि कहीं सुशांत को जहर तो नहीं दिया गया था। एम्स के फोरेंसिक डिपार्टमेंट के हेड और सुशांत केस के लिए गठित मेडिकल बोर्ड के चेयरमैन डॉ. सुधीर गुप्ता ने बताया कि जांच दस दिन के अंदर की जाएगी और रिपोर्ट भी आ जाएगी। इस मामले को लेकर मेडिकल बोर्ड की अगली मीटिंग 17 सितंबर को होगी।
एम्स के पास विसरा टेस्ट के लिए सभी इक्विपमेंट्स मौजूद हैं। ये इक्विपमेंट्स FBI द्वारा इस्तेमाल किए जाते हैं। ऐसे में चूक की कोई गुंजाइश नहीं है। सुशांत मामले में एम्स के तीन डॉक्टरों की टीम ने सुशांत की बॉडी का पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टरों से पूछताछ की है। इस पूछताछ में एम्स के डॉक्टरों ने सुशांत के गले में मौजूद जख्म के निशान को लेकर भी सवाल उठाया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, सुशांत के गले पर मौजूद जख्म का निशान सवालों के घेरे में है। सुशांत के गले में मौजूद जख्म के निशान (LIGATURE MARK) उसके गले के बीच में है और सीधी रेखा की तरह दिखाई देता है, जबकि सुसाइड के मामले में ये जख्म गर्दन के एकदम ऊपर होते हैं, और ये निशान तिरछे होते हैं और खरोंच की तरह दिखते हैं। माना जा रहा है कि एम्स के तीन डॉक्टरों ने बॉडी का पोस्टमॉर्टम करने वाले 5 डॉक्टरों से सुशांत की गर्दन पर मौजूद निशान को लेकर लंबा सवाल किया है।
इन डॉक्टरों को मुंबई में सीबीआई टीम से भी बात करने का अधिकार है। इसके अलावा एम्स की ये टीम पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों और मॉर्चरी के स्टाफ से भी पूछताछ कर सकती है।
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