उज्जैन। उज्जैन रेलवे स्टेशन करीब 2-3 साल बाद एयरपोर्ट जैसा नजर आएगा। इसके निर्माण का काम अगले वर्ष लोकसभा चुनाव के बाद शुरु होने की संभावना है। 650 करोड़ की लागत के इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में लगभग 1 हजार करोड़ तक की राशि खर्च की जाएगी। निर्माण के बाद स्टेशन का दायरा वर्तमान परिसर के बगीचे तक बढ़ जाएगा।
उल्लेखनीय है कि उज्जैन में एयरपोर्ट की तर्ज पर 650 करोड़ की लागत से स्टेशन बनने जा रहा है। इसके निर्माण का कार्य अगले साल होने जा रहे लोकसभा चुनाव के बाद शुरु होने की संभावना है। प्रोजेक्ट के अनुसार नए स्टेशन परिसर से साउथ जाने वाले और साउथ से महाकालेश्वर की नगरी आने वाले दर्शनार्थियों को सुविधा मिलेगी। इसके अलावा जो ट्रेन खरगोन, सेंधवा, इटारसी से मिलती है वह निर्माण के बाद उज्जैन के फतेहाबाद स्टेशन से मिलेगी। अर्थात साउथ की सभी ट्रेनें इंदौर वाया उज्जैन के फतेहाबाद होते हुए आना-जाना करेंगी। इस प्रोजेक्ट को लेकर सांसद अनिल फिरोजिया पहले ही स्पष्ट कर चुके है कि महाकाल मंदिर में देशभर से हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। श्रद्धालुओं के अलग-अलग राज्यों से आने के लिए निजी वाहन के साथ ट्रेन, बस, फ्लाइट हर तरह की सुविधा हैं। उज्जैन आने वाले साउथ के श्रद्धालुओं को जल्द ही ट्रेन के माध्यम से सुविधाएं मिलने लगेगी। रेलवे स्टेशन को लेकर पीएम मोदी से जब उनकी बात हुई थी तो उन्होंने सहमति जताई थी और पिछले बजट में ही 650 करोड़ की लागत से एयरपोर्ट की तर्ज पर रेलवे स्टेशन को बनाने की अनुमति दी गई थी। इधर इस प्रोजेक्ट को लेकर फिलहाल यह बताया जा रहा है कि अगले वर्ष लोकसभा चुनाव होने है। इसके परिणाम आने के बाद ही निर्माण कार्य शुरु हो पाएगा। सूत्र बताते है कि यह बड़ा प्रोजेक्ट पूरा होने में करीब 3 से 4 साल का समय लगेगा।
यह होंगे नए निर्माण के बाद फायदे
प्रोजेक्ट के मुताबिक उज्जैन के फतेहाबाद स्टेशन, इंदौर वाया फतेहाबाद होते हुए साउथ की ट्रेन आना-जाना करेगी। जिससे साउथ के दर्शनार्थियों का 8 घंटे का सफर बचेगा। वहीं आने वाले सिंहस्थ महाकुंभ में भी यात्रियों को इसका फायदा मिलेगा। निर्माण के पहले पुराने स्टेशन को पूरी तरह से डिस्मेंटल किया जाएगा, फिर नया निर्माण शुरु होगा।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved