उज्जैन। बदनावर से उज्जैन फोरलेन निर्माण कार्य पूरा होने में करीब एक माह और लगेगा। अक्टूबर माह में ही कार्य पूरा करना था लेकिन गुणवत्तायुक्त मिट्टी उपलब्ध नहीं होने के कारण रुकावटें आ रही थी। इसलिए इस मार्ग के निर्माण की समय सीमा आठ अक्टूबर से डेढ़ माह बढ़ाकर 30 नवंबर 2024 की गई है। बदनावर-उज्जैन फोरलेन मार्ग का निर्माण लगभग पूरा होने को है। वर्तमान में फोरलेन का 90 प्रतिशत से अधिक कार्य हो चुका है। बदनावर क्षेत्र में जिस भूमि से मिट्टी खनन करना था। वहाँ अवैध कब्जा होने के चलते खनन में देरी भी एक कारण रहा है। प्रशासन की कार्रवाई से मिट्टी खनन शुरू हो चुका है जिससे बडऩगर के पास रूनिजा रोड स्थित रेलवे ओवरब्रिज के काम में गति आ जाएगी।
फिलहाल फोरलेन का 90 प्रतिशत से अधिक कार्य हो चुका है। इससे अब यह फोरलेन नवंबर 2024 तक बनकर तैयार हो जाएगा। उज्जैन बदनावर 69.1 किमी लंबा यह मार्ग पहले स्टेट हाईवे-18 था। यातायात के बढ़ते दबाव के मद्देनजर इसे नेशनल हाईवे (एच-752डी) का दर्जा देकर इसका निर्माण हाइब्रिड एन्युटी माडल (एचएएम) के तहत किया जा रहा है। यह परियोजना भारतमाला परियोजना के तहत आती है। साथ ही क्षेत्र का पहला फोरलेन होगा, जहाँ कार की गति 100 एवं भारी वाहन की 80 किमी प्रति घंटा तय की गई है। भविष्य के परिवहन को दृष्टिगत रखते हुए प्रत्येक लेन की चौड़ाई नौ मीटर रखी जा रही है। एक फ्लाईओवर यहां लेबड़-नयागांव फोरलेन पर बड़ी चौपाटी के पास बनाया गया है। जबकि बडऩगर के पास रूनिजा मार्ग पर रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण जारी है। पूरे मार्ग पर 12 मेजर पुल बनाए गए हैं, जिनमें मार्ग में आने वाली चामला, गंभीर, चंबल, बलवंती आदि शामिल है। इनमें गंभीर नदी पर कुछ काम शेष है। जल निकासी के लिए नालियाँ और करीब 180 बाक्स कल्वर्ट बनाए जाएँगे। फोरलेन के किनारे वाटर हार्वेस्टिंग के लिए नए पिट भी बनाए गए हैं। पूरे मार्ग पर केवल बडऩगर के आगे खरसौद खुर्द में टोल प्लाजा बनेगा, जिससे बदनावर से बडऩगर प्रतिदिन अपडाउन करने वालों को टोल नहीं चुकाना पड़ेगा। फोरलेन पर सुरक्षा के लिए सेफ्टी बैरियर भी रहेंगे। मार्ग का निर्माण राजस्थान की जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। निर्माण के बाद 15 साल तक देखभाल की गारंटी भी कंपनी की ही रहेगी। उज्जैन में महाकाल लोक निर्माण के बाद से करीब 40 प्रतिशत यातायात बढ़ गया है। साथ ही साल 2028 में सिंहस्थ महाकुंभ के अवसर पर भी यह मार्ग महत्वपूर्ण साबित होगा। दक्षिणी राजस्थान, उत्तर प्रदेश और पूर्वी मप्र से गुजरात की तरह जाने वाला यातायात और सुगम हो जाएगा। अभी कई वाहन इंदौर-अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग से गुजरात जाते हैं। इस फोरलेन के निर्माण के बाद करीब 50 किमी की दूरी कम तय कर उज्जैन से बदनावर होते हुए वाया पेटलावद और थांदला होकर जाएँगे। इसलिए इसको बदनावर से थांदला तक भी फोरलेन में तब्दील किए जाने की आवश्यकता है। थांदला के पास भी दिल्ली-मुंबई 8 लेन से भी कनेक्टिविटी हो जाएगी। फोरलेन निर्माण कंपनी जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड के वरिष्ठ प्रबंधक पुनीत कुमार दुबे ने बताया कि बडऩगर में रुनिजा मार्ग पर बन रहे रेलवे ओवरब्रिज निर्माण में देरी हो रही है इसका कारण गुणवत्तायुक्त मिट्टी का नहीं मिलना है। कंपनी द्वारा और फोरलेन निर्माण को लेकर मिट्टी खनन के लिए कई क्षेत्र में शासन से जमीन लीज पर ली गई है, किंतु जिन भूमियों पर खनन करना है, उन पर अवैध रूप से ग्रामीणों द्वारा कब्जा किया गया है। पिछले महीने में प्रशासन द्वारा त्वरित कार्रवाई कर भूमियों को खाली कराया गया था, जिससे अब मिट्टी आसानी से उपलब्ध हो रही है। निर्माण का कार्य तेजी से चला रहे है।
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