नई दिल्ली (New Delhi) । टीएमसी (TMC) के मिशन दिल्ली विरोध के आखिरी दिन मंगलवार को बड़ा ड्रामा देखने को मिला। टीएमसी के चालीस सदस्यों का डेलीगेशन केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति (Union Minister Sadhvi Niranjan Jyoti) से मिलने पहुंचा था। इस दल की अगुवाई टीएमसी में नंबर दो के नेता और बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) कर रहे थे। इन नेताओं ने आरोप लगाया कि अपॉइंटमेंट पर तीन घंटे इंतजार के बावजूद ने मंत्री ने उनसे मिलने से इंकार दिया। इसके बाद यह दल कृषि भवन के परिसर में धरने पर बैठ गया था। इसके बाद दिल्ली पुलिस ऐक्शन में आ गई। आरोप है कि कुछ लोगों के फोन भी ले लिए गए थे। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें कुछ महिला पुलिसकर्मी उन्हें उठाकर ले जा रही हैं।
अभिषेक बनर्जी ने कही यह बात
ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने कृषि भवन परिसर में हिरासत में लिए जाने से पहले कहा था कि तीन घंटे तक इंतजार कराने के बाद, राज्य मंत्री ने टीएमसी प्रतिनिधिमंडल से मिलने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि हम भ्रष्ट जॉब कार्ड धारकों द्वारा लिखे गए इन पत्रों के साथ कृषि भवन आए थे, लेकिन हमें बताया गया कि मंत्री हमें तीन घंटे इंतजार कराने के बाद चली गईं। उन्होंने शाम 4 बजे शुभेंदु अधिकारी से मुलाकात की, जो बंगाल के खिलाफ हैं। अभिषेक ने कहा कि उनके पास शुभेंदु से मिलने का समय है, लेकिन वह उनसे नहीं मिलतीं जो बंगाल की सेवा करना चाहते हैं। उन्होंने पूछा कि क्या मंत्री हमसे मिलने से डरते हैं? यह साबित करता है कि भाजपा हमसे डरती है और हमारे द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब किसी के पास नहीं है। साध्वी निरंजन ज्योति, गिरिराज सिंह, नरेंद्र मोदी या जेपी नड्डा के पास नहीं। यह शर्मनाक है।
This is how elected MPs of the world’s largest democracy are treated after being given an appointment to meet with a Minister of the Govt of India (which she refused to honour after making us wait 3 hours)
Shame @narendramodi shame @AmitShah pic.twitter.com/cmx6ZzFxBu
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) October 3, 2023
महुआ मोइत्रा ने किया ट्वीट
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने भी इस बारे में ट्वीट किया है। अपने ट्वीट के साथ एक वीडियो भी लगाया है, जिसमें कुछ महिला पुलिसकर्मी उन्हें उठाकर ले जा रही हैं। महुआ उनसे कह रही हैं कि आप एक चुने हुए सांसद के साथ ऐसे कैसे कर सकती हैं। विरोध प्रदर्शन का दूसरा दिन जंतर-मंतर पर दोपहर एक बजे भारी पुलिस बल की तैनाती के बीच शुरू हुआ। बता दें कि इस धरने में शामिल होने के लिए अभिषेक बनर्जी ने कोलकाता में प्रवर्तन निदेशालय के अपने समन को नजरअंदाज कर दिया था। साथ ही विधायकों को निर्देश दिया था कि दो हफ्ते के अंदर अपने विधानसभा क्षेत्रों में लंबित 20 लाख लोगों की लिस्ट तैयार करें। साथ ही इन लोगों से सीधे बात करके अगले छह महीने के अंदर उनके बकायों का छह फीसदी ब्याज के साथ बकाए का संकल्प लिया था।
कहा-अपनी जेब से चुकाएंगे बकाया
अभिषेक ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन स्थल पर बड़ी संख्या में मौजूद पार्टी कार्यकर्ताओं और उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल लौटने के बाद हम राज्य सरकार को एक पत्र भेजेंगे, जिसमें उनसे लंबित मनरेगा बकाये के भुगतान में तेजी लाने का आग्रह किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मैं उनसे सीधे बात करूंगा। 10% ब्याज के साथ अगले 6 महीनों के भीतर उनके बकाया का भुगतान करेंगे। हम विनम्र रहे हैं, लेकिन हमारा अच्छा व्यवहार कमजोरी का संकेत नहीं है। टीएमसी सही बकाया और आत्मसम्मान का चयन करेगी। हमारे पास 50 लाख लेटर्स हैं। हम विनम्र रहे हैं, लेकिन हमारा अच्छा व्यवहार कमजोरी का संकेत नहीं है। टीएमसी सही बकाया और आत्मसम्मान का चयन करेगी। हमारे पास 50 लाख पत्र हैं। अगर वह राज्य सरकार पर दबाव डालती है, तो हम, सांसद, अगले दो महीनों के भीतर अपने स्वयं के वेतन से लंबित बकाया राशि का भुगतान करेंगे।
यह बोले शुभेंदु अधिकारी
तृणमूल कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल की बैठक रद्द होने से पहले पश्चिम बंगाल भाजपा इकाई के अध्यक्ष शुभेंदु अधिकारी ने आज शाम चार बजे केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति से मुलाकात की। इस दौरान शुभेंदु ने उन्हें एक ज्ञापन सौंपकर मनरेगा योजना के तहत फर्जी जॉब कार्ड के जरिए 7929 करोड़ रुपये के केंद्र सरकार के कोष के बड़े पैमाने पर गबन का पता लगाने के लिए केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने का अनुरोध किया। साध्वी से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए शुभेंदु ने कहा कि सीबीआई जांच होनी चाहिए, एक निर्धारित समय के भीतर एक विशेष कैग होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में एक करोड़ से अधिक फर्जी जॉब कार्ड बनाए गए। पिछले 9-10 साल में, केंद्र सरकार द्वारा 54,100 करोड़ रुपये दिए गए थे और इसमें से 4,000-5,000 करोड़ रुपये फर्जी नौकरी धारकों द्वारा ले लिए गए थे। हम नहीं चाहते कि मनरेगा का काम बंद हो… लेकिन हम फर्जी जॉब कार्ड मुद्दे के खिलाफ कानूनी कार्रवाई चाहते हैं।
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