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    ये पॉलिटिक्स है प्यारे

  • October 08, 2024


    एक बार फिर शिवराज के झंडे लहराए देपालपुर में
    एक बार फिर शिवराज (Shivraj) नाम के झंडे (Flags) देपालपुर विधानसभा (Depalpur Assembly Constituency) में नजर आए हैं। झंडा उठाने वाले विधायक मनोज पटेल (MLA Manoj Patel) ही हैं और उन्होंने कल से शुरू हुए अपने गरबा आयोजन में मुख्यमंत्री मोहन यादव के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री शिवराजसिंह चौहान के फोटो पोस्टर में लगाए हैं। वैसे शिवराज प्रदेश की राजनीति से बाहर हैं और अब बहुत ही कम नेता ऐसे हैं जो उनका नाम लेते हैं, लेकिन पटेल ने बता दिया कि वे शिवराज के नजदीकी हैं। मनोज ही ऐसे नेता थे, जिन्होंने शिवराज की जीत के जश्न और केंद्रीय मंत्री बनने पर पटाखे फोड़े थे। हालांकि मनोज की पॉलिटिक्स उनके ईर्द-गिर्द ही रही है और अभी भी वे उनके साथ हैं। खैर, मनोज गरबे करवा रहे हैं और आयोजन शहरी क्षेत्र में है, जहां भीड़ बता रही है कि मनोज की पॉलिटिक्स अब इंदौर की ओर बढ़ रही है।

    माहौल को संवेदनशील बनाने में कोई कसर नहीं
    पिछले दिनों एक मुस्लिम युवक द्वारा गरबे का आयोजन कराने को लेकर सोशल मीडिया पर हिंदू संगठनों ने खूब छिछालेदारी की। यहां तक कि गरबे के आयोजन के लिए लगे होर्डिंग्स में टंगे भाजपा नेताओं पर भी सवाल उठाए गए। ऐसे में जब चारों ओर मुस्लिमों के प्रवेश को लेकर विरोध चल रहा है तो एक आयोजक मुस्लिम कैसे? खैर, हिंदूवादियों ने अपना काम किया और आयोजन कैंसल हो गया, लेकिन इसे मीडिया के माध्यम से भावनात्मक रूप देने की असफल कोशिश भी की गई।


    भीड़ लाने से हमें क्या हम तो जाने वाले हैं
    युवक कांग्रेस के प्रदर्शन में वर्तमान अध्यक्षों ने भीड़ जुटाने में कुछ खास रुचि नहीं दिखाई, क्योंकि दोनों को लग गया है कि इनकी रवानगी होना तय है। रमीज खान तो शुरुआत से ही असहयोग का बहाना बनाकर निष्क्रिय हैं, वहीं दौलत पटेल भी यदा-कदा कार्यक्रमों में नजर आ जाते हैं। रहते शहर में हैं, लेकिन राजनीति गांव की ज्यादा करते हैं। वैसे शनिवार के प्रदर्शन में मितेंद्रसिंह के आसपास जो चेहरे चमके हैं, उनमें भी अधिकांश ऐसे थे, जो दो-चार को ही साथ लेकर आए थे।

    उजाड़ हो रहा है राजमाता सिंधिया का प्रतिमा स्थल
    जब से ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा में आए हैं, तब से भाजपाइयों ने उनके पिता माधवराव सिंधिया के प्रतिमा स्थल पर जाना शुरू कर दिया है, लेकिन राजमाता विजयाराजे सिंधिया का प्रतिमा स्थल बदहाल हो रहा है। ऐसे में जब सिंधिया के कद्दावर समर्थक तुलसी सिलावट स्थानीय हैं और मंत्री भी हैं। सिलावट कई बार भाजपा कार्यालय आते हैं, लेकिन उनका ध्यान बदहाल होते प्रतिमा स्थल पर नहीं जाता। चारों ओर रैलिंग उखड़ रही हैं तो टाइल्स टूट गई हैं, जिनके नीचे चूहों के बड़े-बड़े बिल बन गए हैं। बची-कुची कसर यहां पास में खुली शराब दुकान ने पूरी कर दी है। रात में प्रतिमा स्थल के आसपास ही शराबी मंडराते हैं और उनके द्वारा फेंकी गई बोतलें पड़ी रहती हैं। कभी भाजपा को ताकत देने वाली राजमाता सिंधिया के प्रतिमा स्थल का भाजपा राज में ये हाल होगा ये तो किसी ने सोचा नहीं था।

    कहां हैं चावड़ा?
    इंदौर की राजनीति में दखल रखने वाले जयपालसिंह चावड़ा इन दिनों भाजपा के कार्यक्रमों में नजर नहीं आ रहे हैं। वैसे आईडीए अध्यक्ष पद से हटने के बाद उनका रुतबा पार्टी में कम होता चला गया। बता दें कि चावड़ा देवास के नेता हैं और उनको आईडीए अध्यक्ष बनाने का विरोध भी स्थानीय नेताओं ने किया था, लेकिन संगठन के सामने उनकी एक नहीं चली थी। वैसे लोकसभा चुनाव तक तो चावड़ा कार्यक्रमों में मंच की शोभा बढ़ाते रहे, लेकिन पिछले डेढ़ महीने से उनकी अनुपस्थिति को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। कुछ कह रहे हैं कि संगठन ने उन्हें महाराष्ट्र चुनाव में जवाबदारी दी है तो कुछ शुभचिंतक बैक टू पैवेलियन का इशारा कर रहे हैं।

    भाजपा में जा सकते हैं
    इन दिनों कांग्रेस की राजनीति में अच्छा खासा दखल रखने वाले एक नेता या कहें कि बड़े पदाधिकारी को हटाने की चर्चा जोरों पर है। ये वही नेताजी हैं, जिन पर कई बार सांवेर विधायक व मंत्री तुलसी सिलावट के इशारे पर काम करने के आरोप लगे हैं। लोगों का कहना है कि नेताजी को भी यह मालूम है कि हाथ का पंजा उनका साथ छोड़ सकता है। इसको लेकर उन्होंने भी हाथ के पंजे को छोडऩे की मन ही मन तैयारी कर ली है। नेताजी को जानने वाले कहते हैं कि वे भाजपा में जा सकते हैं। चूंकि नेताजी का कामकाज भी लंबा-चौड़ा है, इसलिए कांग्रेस में पद से हटने के बाद कुछ ऊंचा-नीचा न हो इसके लिए भाजपा के पाले में जाना ही बेहतर है।

    तो सांसदजी बीमार हैं….
    अगर कल सांसद शंकर लालवानी अस्पताल में मरीज की ड्रेस में फोटो अपने सोशल मीडिया पर वायरल नहीं करते तो मालूम ही नहीं पड़ता कि सांसदजी बीमार हैं। खैर, सोशल मीडिया प्रेमी सांसदजी ने ये तो बता दिया कि वे वायरल से पीडि़त हैं और अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं, लेकिन यह भी बताना नहीं भूले कि वे पार्टी के लिए लगातार काम कर रहे हैं। उन्होंने एक फोटो भी शेयर किया, जिसमें वे डॉक्टरों को भाजपा का सदस्य बना रहे हैं। वैसे उनके समर्थकों का कहना है कि सांसदजी आईसीयू में भर्ती हैं, जहां आम मरीज को तो मोबाइल ले जाने तक की इजाजत नहीं है, लेकिन ऐसा लगता है कि सांसद के मामले में डॉक्टरों ने उन्हें छूट दी है और वे लगे हैं संगठन गढ़े चलो…की तर्ज पर अपना काम करने में।

    जिन नेताओं की अभी चल रही है वे अब भंडारे वालों से परेशान हैं। हर बार तो तेल के दाम कम रहते थे, इसलिए नेताजी की ओर से एक डिब्बा तेल भंडारा आयोजकों के पास पहुंच जाता था, लेकिन अब तेल के भाव आसमान पर हैं और नेता लोग कुछ और देकर पीछा छुड़ाना चाह रहे हैं, लेकिन पट्ठे मान नहीं रहे हैं। -संजीव मालवीय

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