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    गर्मियों में इन 10 बीमारियों के होने का खतरा ज्यादा, जानें-लक्षण और बचाव

  • March 18, 2021

    डेस्क। गर्मियों के मौसम में तेज धूप से हर कोई परेशान हो जाता है। ये मौसम अपने साथ कई बीमारियां भी लेकर आता है। गर्मियों की धूप का असर आपकी बॉडी, स्किन, आंखों और पाचन तंत्र पर भी पड़ता है। इस मौसम में जरा सी लापरवाही आप पर भारी पड़ सकती है। आइए जानते हैं कि गर्मियों के मौसम में लोग किन बीमारियों की चपेट में आसानी से आ जाते हैं। साथ ही जानेंगे कि इन बीमारियों से कैसे बचा जा सकता है।

    फूड प्वाइजनिंग : फूड प्वाइजनिंग गर्मियों की सबसे आम बीमारियों में से एक है। ये दूषित खाने या पानी की वजह से होता है। गर्मी और उमस की वजह से इस मौसम में बैक्टीरिया आसानी से पनप जाते हैं जिसकी वजह से खाना दूषित हो जाता है। इसकी वजह से पेट दर्द, मिचली, दस्त या उल्टी होने लगती है। इससे बचने के लिए कच्चा मांस और सड़क किनारे मिलने वाली खुली चीजें खाने से बचें।


    डिहाइड्रेशन : शरीर में पानी की कमी की वजह से डिहाइड्रेशन हो जाता है। गर्मियों में ये होना बहुत आम है लेकिन इसकी वजह से कुछ गंभीर समस्याएं भी हो सकती है। गर्मियों के मौसम में पसीने के जरिए शरीर से बहुत सारा पानी बाहर निकल जाता है। पानी की कमी से बॉडी सही तरीके से काम नहीं कर पाती है। इसलिए इस मौसम में खूब पानी और जूस पीना चाहिए।

    हीट स्ट्रोक : हीट स्ट्रोक यानी लू लगना गर्मियों की सबसे आम बीमारी है। ये बीमारी बहुत देर तक तेज धूप में रहने की वजह से हो जाती है। वैसे तो लू लगना बहुत आम है लेकिन अगर समय पर इसका इलाज नहीं किया गया तो ये जानलेवा भी हो सकती है। सिर दर्द, कमजोरी, बेहोशी और कुछ गंभीर मामलों में ऑर्गन फेल इसके खास लक्षण है। इससे बचने के लिए अपने शरीर को ठंडा रखें, खान-पान पर ध्यान दें, खूब सारा पानी पिएं और बॉडी को हमेशा हाइड्रेटेड रखें।

    घेंघा : घेंघा को कंठमाला रोग भी कहते हैं। ये एक संक्रामक वायरल बीमारी है जो ज्यादातर गर्मियों के मौसम में होती है। इस बीमारी के सबसे ज्यादा शिकार छोटे बच्चे होते हैं। ये बीमारी पैरोटिड ग्रंथियां बढ़ जाने की वजह से होती है। इसकी वजह से गर्दन में सूजन, दर्द और बुखार रहता है। संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से ये फैल सकता है।


    चेचक : चेचक या चिकनपॉक्स भी गर्मियों की सबसे आम बीमारी में से एक है। पूरे शरीर में खुजली, फफोले, लाल दाग, तेज बुखार, भूख ना लगना और सिर दर्द रहना इसके सामान्य लक्षण हैं। इस बीमारी की चपेट में सबसे ज्यादा बच्चे ही आते हैं और इससे बचाव का सबसे सुरक्षित तरीका इसकी वैक्सीन लगवाना है।

    खसरा : खसरा एक संक्रामक बीमारी है जो श्वसन संक्रमण की वजह से होती है। इसके शुरुआती लक्षण तेज बुखार, खांसी, नाक बहना, गले में खराश और आखों का लाल हो जाना है। ये बीमारी बढ़ जाने पर रैशेज, दाने और मुंह के अंदर छोटे सफेद धब्बे हो जाते हैं। ज्यादातर मामलों में ये रैशेज चेहरे के आसपास देखे जाते हैं।

    टाइफाइड : टाइफाइड भी एक ऐसी बीमारी है जो दूषित खानपान से होती है। इसके सामान्य लक्षण तेज बुखार, थकान, कमजोरी, पेट में दर्द, सिरदर्द और भूख न लगना हैं। इससे बचने के लिए हमेशा साफ-सुधरा खाना खाएं। खासतौर से पानी हमेशा साफ पिएं।


    सनबर्न : सनबर्न तेज धूप में बहुत देर तक रहने की वजह से हो जाता है। इसकी वजह से त्वचा की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है और स्किन पर दर्दनाक चकत्ते हो जाते हैं। इससे स्किन कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है। इससे बचाव के लिए धूप में बहुत देर तक रहने से बचें। पूरे बाजू के कपड़े पहनें और बाहर जाने से पहले सनस्क्रीन जरूर लगाएं।

    घमौरी : गर्मियों में पसीने की वजह से घमौरी होना बहुत आम है। इसमें शरीर पर लाल या गुलाबी दाने होने लगते हैं। ये खासतौर से शरीर के उन हिस्सों में होता है जो कपड़े से ढके रहते हैं। घमौरियां छोटे बच्चों को बहुत जल्दी हो जाती हैं। इसकी वजह से त्वचा में पूरे समय खुजली होती रहती है।

    गर्मियों में होने वाली अन्य बीमारियां : इन सबके अलावा डायरिया, पेचिश और हैजा जैसी बीमारियों की भी गर्मियों में होने की संभावना बढ़ जाती है। इन सबसे बचने के लिए अपने खानपान और साफ-सफाई पर जरूर ध्यान दें।

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