इंदौर। नई रेलवे लाइन डालने के लिए इंदौर वन विभाग से रेलवे विभाग ने 300 हेक्टेयर से ज्यादा वन भूमि की मांग की है। वन अधिकारियों के अनुसार रेलवे को जंगल की जमीन देने के लिए सैद्धान्तिक सहमति दे दी गई। रेलवे लाइन डालने के लिए जितने पेड़ काटे जाएंगे, उससे 10 गुना ज्यादा पेड़ लगाने से लेकर उनके बड़े होने तक के खर्चे की सारी राशि इन्दौर वन विभाग को मिलेगी ।
इंदौर वन विभाग के प्रमुख अधिकारी डीएफओ महेंद्र सिंह सोलंकी ने बताया कि रेलवे विभाग को नई रेलवे लाइन डालने के लिए कई हेक्टेयर जंगल की जमीन की जरूरत है। नई रेलवे लाइन इंदौर, महू, चोरल, बड़वाह व खरगोन के जंगलों से गुजरेगी। नई रेलवे लाइन परियोजना के लिए इंदौर वन विभाग के अधीन इंदौर, महू, चोरल की 300 से ज्यादा हेक्टेयर जमीन वन विभाग दे रहा है।
चल रही है पेड़ों की गिनती
वन विभाग के अनुमानित आकलन के हिसाब से इन्दौर, महू और चोरल के जंगल की इतनी जमीन, यानी वन भूमि पर लगभग 72 हजार पेड़ खड़े हैं, मगर प्रमाणिक जानकारी के लिए इंदौर वन विभाग और रेलवे दोनों मिलकर इंदौर, महू ,चोरल की वन भूमि पर लगे पेड़ों की गिनती करवा रहे हैं।
10 गुना पेड़ लगाने के लिए जमीन चाहिए
नई रेलवे लाइन डालने के लिए जितने पेड़ कटेंगे, उसकी क्षतिपूर्ति के लिए इंदौर वन विभाग को रेलवे 10 गुना पेड़ लगाने के लिए भारी भरकम राशि देगा, मगर सबसे बड़ी चुनौती यह है कि इन्दौर वन विभाग को शासन 10 गुना ज्यादा जमीन इंदौर जिले में कहां से देगा।
शहर बना रहा पौधा लगाने का रिकॉर्ड
दूसरी ओर इंदौर में लगातार पौधा रोपण का रिकॉर्ड बनाने का कार्य जारी है। 51 लाख पौधे लगाने के लिए हर समाज, संगठन इसमें सहभागी बन रहा है, वन विभाग भी पौधे उपलब्ध करा रहा है।
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