इंदौर। पैदा होते ही मां-बाप (parents) ने जिसे पाप (Sin) समझकर त्याग दिया, पॉलीथिन (polythene) में लपेटकर कुत्तों (Dog) का निवाला बनाकर छोड़ दिया, उसने आखिर न सिर्फ जिंदगी (Life) की जंग (battle) जीती, बल्कि वह अब अमेरिका (America) के दम्पति के घर उनकी आंखों का तारा बनकर चमकेगा। डेढ़ साल के मासूम को अमेरिका से आए दम्पति ने गोद लिया है।
अज्ञात माता-पिता ने पीथमपुर क्षेत्र में डेढ़ माह के मासूम को कंटीली छाडिय़ों में पॉलीथिन में लपेटकर छुटकारा पा लिया था। कुत्तों का निवाला बनते-बनते बचा मासूम शरीर पर कई जख्म होने के बावजूद भी जिंदगी की जंग जीत गया। अब वह अमेरिका के परिवार के साथ एक सामान्य जीवन जी सकेगा। ज्ञात हो कि कुत्तों ने उक्त बच्चे को कई जगह से काटने के साथ-साथ उसका गुप्तांग भी खा लिया, जिसके बाद उसे अस्पताल में कई महीने इलाज करवाना पड़ा। बाल कल्याण समिति ने संस्था संजीवनी सेवा संगम को बच्चे की जिम्मेदारी सौंपी। संस्था की अधीक्षक आशा सिंह के अनुसार किन्नर समाज और थर्ड जेण्डर कहलाए जाने वाले वर्ग ने बच्चे का जीना मुहाल कर दिया था। कई बार संस्था में आकर बच्चे को ले जाने की मांग की गई। विवादास्पद स्थितियां भी बनीं, लेकिन अब आखिर बच्चा अमेरिका में आम व्यक्ति की तरह जीवन जी सकेगा।
छोटे भाई को देख फूली नहीं समाई
अमेरिका के हवाई शहर में फिजियोथेरेपिस्ट नाथनियल केलसे कोपेलेण्ड खुद भी एडाप्टेड है। उनके माता-पिता ने संस्था की मदद से गोद लिया था। अन्य चार भाई-बहनों को भी परिवार ने गोद लेकर भरण-पोषण व अच्छी शिक्षा दी, जिसके बाद उन्होंने भी एक बच्चे का जीवन संवारने का संकल्प लिया। उनके अनुसार पत्नी एमी हेरन ने भी इसकी सहमति दी और भारतीय बच्चे को गोद लेने की प्रक्रिया शुरू की। अपने छोटे भाई को देख एसलिम फूली नहीं समा रही थी। बार-बार गोद में उठाने और साथ में घर ले जाने के लिए उत्साहित नजर आ रही थी।
दो भाई-बहनों का मिलेगा प्यार
बाल कल्याण समिति द्वारा बच्चे को दत्तक ग्रहण के लिए लीगल फ्री किए जाने के बाद यूएसए के दम्पति ने कारा की साइड के माध्यम से एक साल पहले ही रिजर्व कर लिया था। विदेश जाने वाले बच्चों के लिए काम करने वाली संस्था आका द्वारा माता-पिता के दस्तावेज के वेरिफिकेशन के बाद मंजूरी दी गई। संस्था के आपरेटर राहुल कोली ने संबंधित जानकारी अपलोड करने के साथ-साथ जैविक माता-पिता की खोज के प्रयास किए, लेकिन आखिरकार बच्चे को विधिमुक्त करने की प्रक्रिया पूरी कर गोद दिलाया गया। अब बच्चे को ंमाता-पिता के साथ-साथ एक भाई और एक बहन का भी दुलार मिल सकेगा।
एक और बच्चा इटली जाएगा
महिला एवं बालविकास विभाग द्वारा लावारिस और अनाथ बच्चों को गोद देने की प्रक्रिया सम्पन्न कराई जाती है। कारा और आपा के माध्यम से अब तक सात से आठ बच्चे विदेश में माता-पिता के साथ खुशी-खुशी जीवनयापन कर रहे हैं। हाल ही अमेरिका गए दो बच्चों के साथ अब एक मासूम इटली के लिए उड़ान भरेगा। महिला एवं बालविकास विभाग अधिकारी रामनिवास बुधोलिया के अनुसार बाल संरक्षण अधिकारी द्वारा बच्चे की जानकारी एडीएम जिला इंदौर के समक्ष प्रस्तुत की जाती है और सारी कागजी कार्रवाई करने के बाद दत्तक ग्रहण के आदेश किए जाते हैं। बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही दत्तक दिया जाता है।
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