नाबालिग बेटे को कम्पनी का मालिक बनाया…कम्पनी से करोड़ों काला धन सफेद कराया … सैकड़ों करोड़ का घर बनाया…लालू यादव के कर्मों ने खुद को तो सलाखों में पहुंचाया… लेकिन पत्नी से लेकर बेटों और बेटियों तक के भविष्य को दांव पर लगाया… वो इसे मोदी-शाह की साजिश बता रहे हैं… ईडी के दुरुपयोग का आरोप लगा रहे हैं, लेकिन ईश्वर के उस फैसले को समझ नहीं पा रहे हैं, जो गुनहगार को सजा के लिए एक वक्त, एक इंसान और एक इंसाफ का दिन तय करता है… जो वक्त से नहीं डरता है… वक्त की बुलंदियों में अहंकार का दम भरता है … गुनाहों के रास्ते पर चलता है… शरीफों को यातनाएं देता है… उनके हक, हुकूक और अधिकारों को हड़पता है… उस समय वक्त खामोशी से उसके गुनाहों का घड़ा भरता देखता है… लेकिन वक्त जब करवट बदलता है तो उसकी दी यातनाएं उसके जीवन पर कहर ढाती हैं…लोगों के आंसू उसके जीवन में सैलाब लाते हैं…अपने पराए हो जाते हैं…पराए दुश्मन बन जाते हैं…हर घर के दरवाजे बंद हो जाते हैं…अट्टाहास चीखों में बदल जाते हैं…तब वक्त एक-एक कर उसके गुनाह याद दिलाता है और लोगों का इंसाफ मांगता है… आज लालू मोदी-शाह पर उंगली उठा रहे हैं…ईवीएम को धांधली बता रहे हैं…कल यही लालू बूथ लूटकर सरकार बनाते थे…गुंडों और आतातायियों के बूते पर मतपेटियां लूट ले जाते थे… मतदाताओं को धमकाते थे… प्रतिद्वंद्वियों को मार डालते थे… कानून, इंसाफ, अदालत सभी को अपना पालतू मानते थे…ये दरिंदे धरती को शरीफों के खून से लाल कर लूटपाट मचाकर सरकार बनाते थे…लालू के बिहारी राज में अपहरण का उद्योग चलता था…लालू और उसके गुर्गे मंत्रियों के घरों पर बैठकर फिरौती वसूलते थे…जो देता था वो बचता था… जो नहीं देता था वो मरता था…ऐसे ही बेगुनाहों के आंसुओं और खून से सनी धरती पर चीखती पुकार उस समय भीड़ का कोलाहल बनकर रह जाती थी…यह प्रपंच सालों चला… हैवानियत से भरे लालू ने केंद्र की कठपुतली सरकार तक को उंगलियों पर नचाया तो उसका रावणी अहंकार चरम पर जा पहुंचा… नौकरी के बदले किसानों और आदिवासियोंं की जमीनें खुलकर हड़पीं… सरकार उंगली पर नचाई और दिल्ली से लेकर बिहार तक आतंक की दुनिया बसाई…गौतम बुद्ध की पावन धरती पर बरसों चली इस दहशत ने करवट बदली और पूरे राज्य को आतंक का दर्द देने वाले लालू को जब इंसाफ का अहसास हुआ, उसकी हरकतों के पन्ने जब वक्त ने पलटे तो लालू ने अपने जीवन के कई साल जेल में रगड़े… पत्नी ने आंसू बहाए… बेटियों ने धक्के खाए और बेटे लड़ते-भिड़ते नजर आए… लालू के अपराध इतने खौफनाक और भयानक हैं कि पाप की कमाई दौलत उसके परिवार को चैन की नींद सोने नहीं देगी…वक्त को भी चढ़ाकर गिराने में मजा आता है…दर्द का अहसास और बढ़ जाता है…लालू को रात में नींद नहीं आती है… सजा की आहट सताती है… अब ऐसे ही दिन परिवार भोगेगा…इंसाफ सवाल भी करेगा और जवाब भी मांगेगा…पाप बाप ने किया, लेकिन पाप का आनंद परिवार ने भी उठाया, इसीलिए वक्त ने उन्हें भी गुनहगार बनाया…
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