वर्ल्ड डेस्क। आखिरकार धरती को उसका पांचवां महासागर मिल गया है. मतलब ये है कि सागर तो पहले से था लेकिन उसे अब पांचवें महासागर की मान्यता मिल गई है. यह मान्यता नेशनल जियोग्राफिक सोसाइटी ने दी है. पांचवें महासागर का नाम साउदर्न महासागर (Southern Ocean) है. यह अंटार्कटिका में है. इससे पहले धरती पर चार महासागर थे…अंटलांटिक (Atlantic), प्रशांत (pacific), हिंद (hind) और आर्कटिक महासागर (Arctic Ocean).
पांचवां महासागर यानी साउदर्न ओसन में पानी काफी ठंडा है. क्योंकि यहां पर सिर्फ बर्फीली चट्टानें, हिमखंड और ग्लेशियर हैं. 8 जून को वर्ल्ड ओशन डे पर नेशनल जियोग्राफिक सोसाइटी (NGS) ने इसे पांचवें महासागर की मान्यता दी. NGS के आधिकारिक जियोग्राफर एलेक्स टेट बताते हैं कि बहुत सालों तक वैज्ञानिकों ने साउदर्न ओशन को मान्यता नहीं दे रहे थे, इसे लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसी तरह का समझौता नहीं हुआ था. इसलिए इसे हम आधिकारिक तौर पर महासागर की कैटेगरी में नहीं रख पा रहे थे.
एलेक्स टेट ने कहा कि इसका सबसे बड़ा असर एजुकेशन सेक्टर पर पड़ेगा. स्टूडेंट्स साउदर्न ओशन के बारे में नई जानकारियां हासिल करेंगे. इसे भी सभी देशों में मान्यता मिलेगी. इसे अलग-अलग देशों के भूगोल और विज्ञान की किताबों में शामिल किया जाएगा. इसकी खासियत और मौसम के बारे में पढ़ाया जाएगा. अंटार्कटिका को भी नक्शे में 1915 में शामिल किया गया था. लेकिन NGS ने बाद में चार महासागरों को सीमाओं में बांधा. जिन्हें महाद्वीपों की सीमाओं के आधार पर नाम दिया गया.
लेकिन इसके उलट, साउदर्न ओशन को किसी महाद्वीप के नाम से नहीं बुलाया जाएगा. क्योंकि यह अंटार्कटिक सर्कमपोलर करेंट (ACC) से घिरा हुआ है, जो पश्चिम से पूर्व की तरफ बहता है. वैज्ञानिकों ने बताया कि ACC का निर्माण 3.4 करोड़ साल पहले तब हुआ था, जब दक्षिण अमेरिका से अंटार्कटिका अलग हुआ था. यही पानी दुनिया के बॉटम में बहता रहता है.
आज के समय में ACC का पानी पूरी दुनिया के महासागरों में बहता है. यह पूरे अंटार्कटिका के चारों तरफ घेर कर रखता है. इसे ड्रेक पैसेज (Drake Passage) कहते हैं. यहीं पर स्कोटिया सागर (Scotia Sea) कहते हैं. यह दक्षिण अमेरिका के केप हॉर्न और अंटार्कटिका प्रायद्वीप के बीच में है. इसलिए ACC में जितना पानी बहता है, वह साउदर्न महासागर का ही है. यहां का पानी बाकी महासागरों के पानी से ज्यादा ठंडा और कम नमक वाला है.
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