नई दिल्ली । उदयपुर हत्याकांड (Udaipur murder case) के एक दिन बाद बुधवार को पाकिस्तान (Pakistan) की तरफ से बयान आया है. पाकिस्तान ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को लेकर सफाई दी है, जिसमें पाकिस्तान के एक संगठन (दावत-ए-इस्लामी) (Dawat-e-Islami) को उदयपुर हत्या से जोड़ा जा रहा है. पाकिस्तान ने इन आरोपों का खंडन किया है.
दरअसल, 28 जून को राजस्थान के उदयपुर में एक टेलर कन्हैयालाल की दिनदहाड़े गला रेत कर हत्या कर दी गई. कन्हैयालाल पर नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट शेयर करने का आरोप है. वारदात में शामिल मोहम्मद रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है.
आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद उनके तार पाकिस्तानी संगठन दावत-ए-इस्लामी से जुड़े थे. बता दें कि साल 1981 में ‘दावत-ए-इस्लामी’ का गठन मौलाना इलियास अत्तारी ने पाकिस्तान के कराची में किया था. 194 देशों में इसका नेटवर्क फैला है. इलियास अत्तारी के चलते दावत-ए-इस्लामी से जुड़े लोग अपने नाम के साथ अत्तारी लगाते हैं. उदयपुर घटना का एक आरोपी मोहम्मद रियाज भी अपने नाम के साथ अत्तारी लगाता है.
भारत में कैसे शुरू हुआ दावत-ए-इस्लामी
1989 में पाकिस्तान से उलेमा का एक प्रतिनिधिमंडल भारत आया था. इसी के बाद ‘दावत-ए-इस्लामी’ संगठन को लेकर भारत में चर्चा शुरू हुई और इसकी शुरुआत हुई. भारत में दिल्ली और मुंबई में संगठन का हेडक्वार्टर है. सैयद आरिफ अली अत्तारी ‘दावत-ए-इस्लामी’ के भारत में विस्तार का काम कर रहे हैं. दावत-ए-इस्लामी के लिए नब्बे के दशक में हाफिज अनीस अत्तारी ने अपने 17 साथियों के साथ मशविरा किया. इस दौरान तय किया गया कि जब तबलीगी जमात के लोग काफिला लेकर चल सकते हैं, तो हम क्यों नहीं? बस यहीं से सिलसिला शुरू हो गया.
पाकिस्तान ने आरोपों पर क्या कहा?
इस्लामाबाद की तरफ से बयान जारी कर कहा गया, ‘हमने उदयपुर में हुई हत्या का बारे में सुना. इस मामले में जांच से जुड़ी एक रिपोर्ट भारतीय मीडिया पर देखी, जिसमें आरोपियों को पाकिस्तान के एक संगठन से जोड़ा जा रहा है. हम इन आरोपों को खारिज करते हैं. हालांकि, पाकिस्तान ने अपने बयान में दावत ए इस्लामी का नाम नहीं लिया. इस बयान के साथ पाकिस्तान की तरफ से भाजपा, आरएसएस के साथ हिंदुत्व पर भी निशाना साधा गया.
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