सैन फ्रांसिस्को । अरबपति एलन मस्क (Elon Musk) की रॉकेट कंपनी स्पेसएक्स के सैटेलाइट इंटरनेट डिवीजन स्टारलिंक (Starlink) के अब वैश्विक स्तर पर 25 देशों (25 Countries) में ढाई लाख से अधिक (More than Two and Half Million) उपयोगकर्ता (Users) हैं। मस्क ने मंगलवार को एक ट्वीट में कहा, “दो लाख 50 हजार से अधिक स्टारलिंक उपयोगकर्ता टर्मिनल ।”
टर्मिनल बढ़ते रहेंगे और मस्क ने कहा कि बेहतर इंटरनेट कनेक्शन के लिए, स्टारलिंक को अपने ग्राउंड स्टेशनों और अन्य कार्यों को अपग्रेड करने की आवश्यकता होगी। नवंबर 2021 तक, स्पेसएक्स ने अक्टूबर 2020 में सेवा शुरू करने के बाद से प्रति माह लगभग 11,000 उपयोगकर्ता जोड़े थे। स्पेसएक्स की कक्षा में लगभग 1,800 स्टारलिंक उपग्रह हैं।
पिछले साल, मस्क ने मोबाइल वल्र्ड कांग्रेस (एमडब्ल्यूसी) सम्मेलन में कहा था कि अगले 12 महीनों के भीतर स्टारलिंक के लगभग 500,000 उपयोगकर्ता होने चाहिए। उन्होंने कहा कि स्टारलिंक पहले से ही 12 देशों में चल रहा है और विस्तार कर रहा है। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि 12 महीनों के भीतर कुछ लाख उपयोगकर्ता होने की संभावना है, संभवत: 500,000 से अधिक उपयोगकर्ता हो जाएंगे।”
स्टारलिंक ने हाल ही में ग्राहकों को 100,000 टर्मिनल भेजे हैं। इस परियोजना का उद्देश्य उपग्रहों के समूह के माध्यम से वैश्विक ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करना है। स्पेसएक्स ने नवंबर 2019 में उपग्रह प्रक्षेपण शुरू किया और लगभग एक साल बाद चुनिंदा ग्राहकों के लिए अपना 99 डॉलर प्रति माह बीटा कार्यक्रम खोला।
इस बीच, स्टारलिंक के भारत निदेशक संजय भार्गव ने हाल ही में सरकार के दबाव के बीच उपग्रह आधारित इंटरनेट सेवाओं की पेशकश के लिए आवश्यक अनुमति प्राप्त करने के लिए पद छोड़ दिया। उनका इस्तीफा दिसंबर में संचार मंत्रालय के तहत दूरसंचार विभाग द्वारा स्टारलिंक को भारत में उपग्रह-आधारित इंटरनेट सेवाओं की पेशकश करने के लिए आवश्यक अनुमति प्राप्त करने की चेतावनी देने के बाद आया है।
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