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    South Korea: राष्ट्रपति योल को मार्शल लॉ लागू करना पड़ा भारी, उनके खिलाफ संसद में महाभियोग प्रस्ताव पारित

  • December 15, 2024

    सियोल। दक्षिण कोरिया (South Korea) की संसद में राष्ट्रपति (President Yoon Suk Yeol) के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव पारित (Impeachment Motion Passed) हुआ है। राष्ट्रपति यून सूक योल (President Yoon Suk Yeol) को मार्शल लॉ लागू करने संबंधी आदेश (Order impose Martial law) पारित करने के कारण इस कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। इस मामले में अमेरिकी विदेश विभाग ने कोरिया के साथ साझेदारी जारी रखने की बात कही है।


    कोरिया के साथ संबंध पर अमेरिका का बयान
    पूरे घटनाक्रम पर अमेरिका ने कहा, कोरिया गणराज्य (आरओके), उसके नागरिकों और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के साथ-साथ देश में कानून के शासन का अमेरिका पूरा समर्थन करता है। अपने समर्थन को दोहराते हुए विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, यूएस-आरओके गठबंधन के प्रति हमारी प्रतिबद्धता अटल है।

    विदेश विभाग ने कहा, कार्यवाहक राष्ट्रपति के कार्यकाल में संबंध आगे बढ़ाने को तत्पर
    मिलर ने कहा, हाल के वर्षों में दोनों देशों के गठबंधन ने बहुत प्रगति की है। अमेरिका आगे की प्रगति हासिल करने के लिए कोरिया के साथ साझेदारी करने के लिए तत्पर है। हम अपने आपसी हितों और साझा मूल्यों को आगे बढ़ाने के लिए कार्यवाहक राष्ट्रपति हान डक-सू और देश की सरकार के साथ इस काम को जारी रखने के लिए तैयार हैं।

    संसद में यून के खिलाफ पड़े 204 वोट
    दक्षिण कोरिया की संसद में शनिवार को राष्ट्रपति यून सुक-योल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पास हुआ। उनके खिलाफ 204 वोट पड़े, जबकि उनके समर्थन में सिर्फ 85 वोट डाले गए। संसद में राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित होने के बाद उनकी शक्तियां तत्काल रूप से निलंबित हो गईं। अब प्रधानमंत्री हान डक-सू कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में काम करेंगे। अब, सांविधानिक न्यायालय के पास यह तय करने के लिए 180 दिनों का समय है कि यून को राष्ट्रपति पद से हटाया जाए या उनकी शक्तियां बहाल की जाएं। यदि उन्हें पद से हटा दिया जाता है, तो उनके उत्तराधिकारी को चुनने के लिए 60 दिनों के भीतर राष्ट्रीय चुनाव कराना होगा।

    यून के महाभियोग की खबर सामने आने के बाद संसद के सामने प्रदर्शनकारी जश्न मनाने लगे। कोरियाई पॉप गाना बजाते हुए वे नाच रहे थे। हालांकि, यून के समर्थक भी सियोल में इकट्ठा हुए थे, लेकिन महाभियोग का ऐलान सुनने के बाद वे शांत हो गए।

    यून ने एक बयान जारी कर कहा कि वह हार मानने वाले नहीं हैं। देश के लिए अपना सर्वोत्तम प्रयास जारी रखेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि उनके अस्थायी विराम के दौरान सरकार को स्थिर बनाए रखने की आवश्यकता है।

    राष्ट्रपति यून ने तीन दिसंबर की रात को लगाया था मार्शल लॉ
    बता दें कि राष्ट्रपति यून ने तीन दिसंबर की रात को देश में मार्शल लॉ लगा दिया था। हालांकि भारी विरोध के बाद उन्होंने 6 घंटों के भीतर ही अपना फैसला वापस ले लिया था। यून के इस कदम के बाद दक्षिण कोरिया में उनका काफी विरोध हो रहा था। पिछले शनिवार को भी उन्हें हटाने के लिए महाभियोग प्रस्ताव लाया गया था, लेकिन ये कुछ वोटों से पारित नहीं हो पाया था।

    यून पर हिंसा भड़काने का भी आरोप
    विपक्षी दलों ने यून पर आरोप लगाया कि उनका मार्शल लॉ आदेश संविधान को कमजोर करने का प्रयास था। महाभियोग प्रस्ताव में यह भी आरोप था कि यून ने विद्रोह किया और हिंसा भड़काई। हालांकि, राष्ट्रपति यून ने अपने मार्शल लॉ के आदेश को एक उचित शासन निर्णय बताते हुए आरोपों को नकार दिया, लेकिन दक्षिण कोरियाई जनता का एक बड़ा हिस्सा महाभियोग के समर्थन में था। यून की अनुमोदन रेटिंग गिरकर 11% तक पहुंच गई, जो उनके कार्यकाल में सबसे कम है।

    दो राष्ट्रपतियों पर पहले भी लगाया चा चुका है महाभियोग
    यून पर यह महाभियोग दक्षिण कोरिया के तीसरे राष्ट्रपति के रूप में लगाया गया है। इससे पहले 2016 में राष्ट्रपति पार्क ग्यून-हे और 2004 में राष्ट्रपति रोह मू-ह्यून पर भी महाभियोग चलाया गया था।

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