बुनेर। खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बुनेर जिले में 20 अगस्त की शाम सिख गुरुचरन सिंह की पुत्री दीना कौर का पिस्तौल के बल पर अपहरण कर लिया गया। दुष्कर्म के बाद उससे जबरन इस्लाम धर्म कबूल कराया गया और फिर अपहर्ता से निकाह करा दिया गया।
वारदात की सूचना से सिख समुदाय में गुस्सा फैल गया। सैकड़ों सिखों और अन्य लोगों ने रास्ता जाम कर प्रदर्शन किया और इंसाफ मांगा। प्रदर्शनकारियों ने कहा, हम पाकिस्तान और विदेश के लोगों को बताना चाहते हैं कि यहां हमारा उत्पीड़न हो रहा है। हम पर हमले किए जा रहे हैं। बेटी के वापस मिलने तक प्रदर्शन जारी रहेगा। उसके अपहरण में बुनेर का प्रशासन भी शामिल है।
हमें सारा दिन गुमराह किया जाता रहा और बेटी को प्रताड़ित कर इस्लाम कबूलने और निकाह करने पर मजबूर कर दिया गया। यहां तक कि थाने में हमारी रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की गई। हम वरिष्ठ अधिकारियों के पास भी गए, लेकिन उन्होंने भी कोई माकूल जवाब नहीं दिया। प्रशासन की मदद से बेटी से कुछ कागजात पर हस्ताक्षर भी कराए गए हैं। मैं पूरी दुनिया के सिखों से अपील करता हूं कि हमारा साथ दें और हमें ऐसे अपराधों से बचाएं।
स्थानीय लोग साथ नहीं देंगे तो यहां नहीं रहेंगे
एक अन्य सिख प्रदर्शनकारी ने कहा, हमारे अपने मुस्लिम पड़ोसियों से अच्छे संबंध हैं, लेकिन ऐसे हमले, उत्पीड़न और हमारे बच्चों का जबरन धर्म परिवर्तन कबूल नहीं है। मैं अपने मुस्लिम और पश्तून भाइयों से अपील करता हूं कि हमारी आवाज उठाएं और हमें इंसाफ दिलाने में मदद करें। अगर आप हमारा साथ नहीं देंगे तो हम यहां नहीं रहेंगे।
पूरे पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न
खैबर पख्तूनवा प्रांत में सिखों की बड़ी संख्या है। इनमें ज्यादातर लोग कारोबार करते हैं। सिखों के साथ ही अल्पसंख्यक हिंदू और ईसाई पाकिस्तान के सभी इलाकों में उत्पीड़न के शिकार हैं। उनकी बेटियों का अपहरण कर दुष्कर्म किया जाता है और धर्म बदलवाकर दुष्कर्मी से निकाह करा दिया जाता है। बेटियों और परिवार के अन्य सदस्यों को बचाने के लिए पाकिस्तान से काफी परिवार भारत और अन्य देशों में पलायन कर चुके हैं।
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