नई दिल्ली । केरल के कन्नूर जिले(Kannur district of Kerala) में 12 वर्षीय बच्ची के यौन शोषण (sexual abuse of a girl child)का चौंकाने वाला मामला (A shocking case)सामने आया है। इस केस में 23 वर्षीय एक महिला को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने यह जानकारी दी। आरोपी की पहचान स्नेहा मर्लिन के रूप में हुई है, जो तालीपरम्बा के निकट पुलिमपरम्बा की निवासी है। यह मामला चाइल्डलाइन अधिकारियों की ओर से आयोजित परामर्श सत्र के दौरान प्रकाश में आया, जहां दुर्व्यवहार के आरोपों का खुलासा हुआ। इस बारे में पता तब चला जब एक टीचर ने स्कूल में पढ़ने वाली बच्ची के बैग से मोबाइल फोन जब्त किया। फोन की जांच करने और कुछ असामान्य होने का संदेह होने पर शिक्षक ने बच्ची के माता-पिता को सूचित किया।
टीचर की सलाह के बाद माता-पिता बच्चे को चाइल्डलाइन में परामर्श के लिए ले गए। परामर्श सत्र के दौरान 12 वर्षीय बच्ची ने बताया कि स्नेहा ने उसके साथ कई बार यौन शोषण किया है। इस खुलासे के आधार पर पुलिस को सूचित किया गया, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने यह भी बताया कि आरोपी ने बच्ची को सोने का कंगन समेत अन्य उपहार भी दिए थे। उन्होंने बताया कि यह गिरफ्तारी फरवरी में हुई दुर्व्यवहार की एक घटना के सिलसिले में की गई है।
किशोरी से बलात्कार के दोषी को आजीवन कारावास
दूसरी ओर, दिल्ली की अदालत ने 14 वर्षीय किशोरी से बलात्कार के मामले में एक व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही कहा कि इस अपराध के लिए कठोर सजा की ही दरकार थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बबीता पुनिया ने, ‘बच्चों को जघन्य अपराधों से बचाने में समाज के हित को ध्यान में रखते हुए व्यक्ति को आईपीसी की धारा 376 (2) (एन) (कई बार बलात्कार करने) और पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अधिनियम की धारा 6 (गंभीर यौन उत्पीड़न) के तहत दोषी ठहराया था।’ विशेष सरकारी वकील श्रवण कुमार बिश्नोई ने दलील दी कि दोषी किसी भी तरह की नरमी बरते जाने का हकदार नहीं है। उन्होंने कहा कि बलात्कार के कारण पीड़िता ने एक बच्चे को जन्म दिया। पीड़िता की गवाही का हवाला देते हुए अदालत ने कहा कि किशोरी उस व्यक्ति को अंकल कहा करती थी, लेकिन उसने उसे अकेला पाकर दो बार उसका यौन उत्पीड़न किया।
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