भोपाल। रिलायंस सासन पॉवर व कोल माइंस पर जिले के कुल पांच विभागों का साढ़े 5 सौ करोड़ से अधिक का बकाया है, जिसे कई बार की नोटिस के बावजूद जमा नहीं किया जा रहा है। संबंधित विभाग बकाया के भुगतान में लगे हैं, लेकिन सफलता नहीं मिल रही है। कुछ विभाग के मामले शासन तक पहुंच गए हैं। इसके बावजूद नतीजा सिफर है। रिलायंस सासन पॉवर व कोल माइंस को वन भूमि व पानी के उपयोग के बदले वन विभाग व जल संसाधन विभाग को भुगतान करना होता है। साथ ही खनिज विभाग को रायल्टी व राजस्व विभाग को भू-भाटक जैसे मदों में निर्धारित राशि देनी होती है। इतना ही नहीं पुलिस सुरक्षा के बादले पुलिस विभाग को भी देनदारी तय है। सासन पॉवर व कोल माइंस प्रबंधन की ओर से शुल्क भुगतान में अनियमितता के चलते बकाए की रकम साढ़े 5 सौ करोड़ से अधिक की हो गई है। संबंधित विभागों के अधिकारियों की माने तो बकाया वसूली के लिए कई बार नोटिस दिए जाने के बावजूद नतीजा सिफर है। कंपनी पर बकाया के संबंध में अधिकारियों ने बताया कि खनिज विभाग का रायल्टी का 300 करोड़ रुपए से अधिक बकाया है। इसको लेकर कंपनी ने शासन स्तर पर रियायत की अपील की है। जल संसाधन विभाग का 200 करोड़ रुपए बकाया है। मामला न्यायालय तक पहुंच गया है। इसके अलावा वन विभाग को रिलायंस से 48 करोड़ वसूल करना है। भू-भाटक सहित अन्य मदों में एक करोड़ रुपए से अधिक की वसूली राजस्व विभाग को करना है।
सुरक्षा में बनाई चौकी, नहीं किया भुगतान
रिलायंस सासन पॉवर पर पुलिस विभाग का भी 13 करोड़ रुपए बकाया है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिन सासन में कंपनी की सुरक्षा की मांग के मद्देनजर चौकी तो बना दी गई, लेकिन वादा के अनुरूप नई चौकी पर आने वाला खर्च कंपनी द्वारा नहीं दिया जा रहा है। यह खर्च अब तक कुल 13 करोड़ रुपए हो गया है। यह हाल है तब है कि जबकि किसी भी समस्या के दौरान चौकी पुलिस ही मोर्चा संभालती है।
प्रशासन के निर्देश भी होते हैं नजरअंदाज
बकाया भुगतान में ही नहीं बल्कि जिला प्रशासन के निर्देशों का पालन करने में भी कंपनी गंभीर नहीं होती है। पूर्व में फ्लाईऐश डैम फूटने की घटना भी आदेश को नजरअंदाज करने का ही नतीजा रहा है। पूर्व कलेक्टर के डैम की सुरक्षा संबंधित निर्देशों को गंभीरता से नहीं लिया गया। नतीजा डैम के फूटने और उससे बड़ी तबाही की घटना हुई।
विभाग व बकाया राशि
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