नई दिल्ली: यूक्रेन (Ukraine) की सीमा पर रूस (Russia) द्वारा की गई सैन्य तैनाती की नई सैटेलाइट तस्वीरों (Satellite Pictures) से साफ है कि पिछले 48 घंटों में सैन्य गतिविधियां बढ़ी हैं. यह भारी तैनाती उस वक्त हो रही है, जब इस बात की आशंका ज़ोरों पर है कि रूस जल्द ही यूक्रेन पर हमला करने वाला है.पिछले 48 घंटे के दौरान खींची गईं मैक्सार की हाई-रिसॉल्यूशन तस्वीरों से बेलारूस, क्रीमिया और पश्चिमी रूस में रूस द्वारा की जा रही भारी तैनाती दिखाई देती है.
नई गतिविधियों में फौजियों और लड़ाकू हेलीकॉप्टरों के बड़े-बड़े जत्थों और बेड़ों का पहुंचना भी शामिल है. तस्वीरों में ग्राउंड अटैक विमानों और फाइटर-बॉम्बर जेटों की भी फॉरवर्ड पोस्टों पर तैनाती दिखाई देती है. कई ग्राउंड फोर्स यूनिटों ने अपने-अपने अड्डे छोड़ दिए हैं, और उन्हें कॉनवॉय की सूरत में अन्य लड़ाकू यूनिटों के साथ देखा जा सकता है.
जिन इलाकों में रूस की गतिविधियां बढ़ी हैं, उनमें से अधिकतर यूक्रेन के उत्तर और पूर्वोत्तर में स्थित हैं. इनमें यूक्रेन के दक्षिण-पूर्व में क्रीमिया में बना एक विशाल एयरबेस शामिल है, जिसे रूस ने 2014 में कब्ज़ाया था. 10 फरवरी को, बड़ी तादाद में फौजियों और सैन्य उपकरणों को क्रीमिया के ओक्त्याब्रसकोये एयरफील्ड पर देखा गया था.
यूक्रेन में संकट को हल करने के लिए टेलीफोन डिप्लोमेसी के ज़रिये जारी कोशिशें अब तक तनाव कम करने में नाकाम रही हैं, और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हमला होने की स्थिति में रूस को ‘त्वरित तथा गंभीर कीमत’ भुगतने की चेतावनी भी दी थी. बहुत-से यूरोपीय देश अब भी रूस से बातचीत कर रहे हैं, और तनाव को घटाने के लिए राजनयिक प्रयासों में जुटे हैं.
पश्चिमी देशों के नेताओं की नज़र में रूस का यह सैन्य जमावड़ा शीतयुद्ध के बाद से महाद्वीप की सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा है, और उन्होंने यूक्रेन पर हमला होने की स्थिति में आर्थिक पाबंदियों का पूरा पैकेज तैयार कर लिया है – हालांकि रूस ने बार-बार कहा है कि उसकी ऐसी कोई योजना नहीं है. हालिया हफ्तों में, यूक्रेन को NATO के सहयोगी देशों की तरफ से कई विमानों में सैन्य मदद हासिल हुई है, ताकि वह अपनी सुरक्षा को मज़बूत कर सके. रविवार को, यूक्रेन को स्टिंगर एन्टी-एयरक्राफ्ट मिसाइलों की पहली खेप भी हासिल हो गई है.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved