img-fluid

घुसपैठ को लेकर RPF भी अलर्ट, 900 से अधिक बांग्लादेशी-रोहिंग्या पकड़े

January 20, 2025

डेस्क: रेलवे सुरक्षा बल सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित कराने के साथ ही ट्रेनों के जरिए देश में कहीं भी पहुंच जाने वाले घुसपैठियों पर भी पैनी नजर रखती है. आरपीएफ की घुसपैठियों पर लगातार पैनी नजर बनी हुई है. आरपीएफ ने साल 2021 से अब तक 586 बांग्लादेशी नागरिकों और 318 रोहिंग्या सहित 916 लोगों को पकड़ा है, जो देश की सुरक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और सतर्कता को दर्शाता है. आरपीएफ ने पिछले साल जून और जुलाई में पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में 88 बांग्लादेशी और रोहिंग्या प्रवासियों को गिरफ्तार किया. इनमें से कुछ लोगों ने अवैध रूप से भारत में घुसने की बात स्वीकार भी की.

अक्टूबर 2024 में, इस रिपोर्ट में बताया गया कि बांग्लादेश बॉर्डर पर सुरक्षा से जुड़े उपायों को बढ़ाने के बावजूद, अवैध प्रवासी भारत में किसी न किसी तरह से घुसपैठ करने की कोशिश करते ही हैं. ये लोग असम को पारगमन मार्ग के रूप में और रेलवे को देश के अन्य हिस्सों तक पहुंचने के लिए अपनी पसंदीदा यात्रा के रूप में इस्तेमाल करते हैं. अवैध घुसपैठ की ये घटनाएं रेलवे नेटवर्क की निगरानी और सुरक्षा में भारतीय अधिकारियों के सामने आने वाली चुनौतियों को चिन्हित भी करती हैं.

घुसपैठियों की ओर से रेलवे का इस्तेमाल न केवल राज्यों में उनकी आवाजाही को आसान बनाता है, बल्कि देश में अनधिकृत प्रवेश का पता लगाने और रोकने की कोशिशों को भी जटिल बना देता है. इन उपरोक्त मुद्दे पर विचार करने के लिए, आरपीएफ ने अब सीमा सुरक्षा बल, स्थानीय पुलिस और खुफिया इकाइयों जैसी प्रमुख सुरक्षा एजेंसियों के साथ सहयोग करके अपनी कोशिशों को तेज कर दिया है.


अलग-अलग एजेंसियों के बीच आंतरिक सहयोग के इस दृष्टिकोण ने परिचालन दक्षता में खासी इजाफा किया है, जिससे अवैध प्रवास में शामिल लोगों की शीघ्र पहचान करना और हिरासत में ले पाना संभव हो सका है. हालांकि आरपीएफ को पकड़े गए लोगों पर केस चलाने का सीधा अधिकार नहीं है. आरपीएफ की ओर से हिरासत में लिए गए आरोपी लोगों को आगे की कानूनी कार्यवाही के लिए पुलिस और अन्य अधिकृत एजेंसियों को सौंप दिया जाता है.

बांग्लादेश और म्यांमार जैसे पड़ोसी देशों में चल रही हाल के राजनीतिक उथल-पुथल और इन क्षेत्रों में भू-राजनीतिक घटनाक्रमों तथा सामाजिक-धार्मिक कारकों की वजह से भारत के सुदूर इलाकों में शरण, रोजगार और आश्रय की तलाश करने वाले लोगों की खासी वृद्धि हुई है. हालांकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. रेलवे का उपयोग करके देश में कहीं भी पहुंच जाने वाले घुसपैठियों की संख्या के सटीक आंकड़े सीमित हैं.

हाल की रिपोर्ट्स बताती हैं कि अवैध प्रवासी अक्सर देश के अन्य हिस्सों में जाने के लिए असम और त्रिपुरा जैसे क्षेत्रों से गुजरने के लिए रेलवे नेटवर्क का उपयोग करते हैं. घुसपैठ की चुनौतियों को देखते हुए रेलवे सुरक्षा बल ने इस अहम मुद्दे को हल करने की चुनौती को स्वीकार किया है, और देश की सीमाओं में घुसने की कोशिश करने वाले अवैध प्रवासियों की पहचान करने और उन्हें पकड़ने में आरपीएफ अहम भूमिका निभा रहा है. ये घुसपैठी लोग न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा की चिंता का विषय हैं, बल्कि बंधुआ मजदूरी, घरेलू नौकरानी, ​​वेश्यावृत्ति और यहां तक ​​की अंग निकालने के लिए मानव तस्करी समेत शोषण के लिए भी अत्यधिक संवेदनशील हैं.

Share:

मानहानि मामले में राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से राहत, निचली अदालत की कार्यवाही पर लगाई गई रोक

Mon Jan 20 , 2025
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से कांग्रेस नेता (Congress leader) राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को बड़ी राहत (relief) मिली है। शीर्ष अदालत ने चुनावी रैली के दौरान अमित शाह (amit shah) के खिलाफ टिप्पणी के लिए राहुल गांधी के खिलाफ दायर मानहानि मामले (defamation case) में निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी […]
सम्बंधित ख़बरें
खरी-खरी
शनिवार का राशिफल
मनोरंजन
अभी-अभी
Archives

©2025 Agnibaan , All Rights Reserved