वाशिंगटन (Washington)। साल 2024 में अमेरिका (America) में एक दुर्लभ खगोलीय घटना (Rare astronomical phenomenon) देखने को मिली। अमेरिका (America) में साल का पहला सूर्य ग्रहण (Solar eclipse) लगा था। अमेरिका में पूर्ण सूर्य ग्रहण (Total solar eclipse) था, यानी इस दौरान सूर्य पूरी तरह से ढक गया था। सूर्य का कोरोना जिसे सूर्य का वायुमंडल कहा जाता है वह भी इस दौरान दिखाई दे रहा था। अब दूसरे सूर्य ग्रहण का दुनिया इंतजार कर रही है। इसी साल दूसरा सूर्य ग्रहण लगेगा। 2 अक्टूबर 2024 को दूसरा सूर्य ग्रहण दिखाई देगा। ये दुर्लभ खगोलीय घटना वैज्ञानिक रूप से महत्वपूर्ण है।
यह एक वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा। वलयाकार सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से नहीं ढक पाता। इस कारण आसमान में एक आग की रिंग दिखाई देती है। इस तरह के ग्रहण को रिंग ऑफ फायर कहा जाता है। छह घंटे से अधिक समय तक यह सूर्य ग्रहण लगेगा। भारतीय समयानुसार रात 9:13 बजे शुरू होगा और अगले दिन भारतीय समयानुसार सुबह 3:17 बजे खत्म होगा।
कहां लगेगा सूर्य ग्रहण
भारत में जो लोग इस सूर्य ग्रहण को देखने का इंतजार कर रहे हैं, उन्हें निराश होना पड़ेगा। भारत के हिसाब से यह सूर्य ग्रहण रात में लगेगा, इसलिए यह हमें नहीं दिखेगा। भारत में अदृश्य रहते हुए भी वलयाकार ग्रहण दुनिया के कई देशों में दिखेगा। दक्षिण अमेरिका के उत्तरी हिस्सों, आर्कटिक, अर्जेंटीना, ब्राजील, पेरू, फिजी, चिली और प्रशांत महासागर में इस खगोलीय घटना को देखा जा सकेगा। इस इलाके में मौजूद खगोल विज्ञानी उत्साह के साथ सूर्य ग्रहण का इंतजार कर रहे हैं।
क्या होता है सूर्य ग्रहण
हमारे सौर मंडल में सभी ग्रह सूर्य का चक्कर लगाते हैं। पृथ्वी भी उनमें से एक है। लेकिन चंद्रमा पृथ्वी का चक्कर लगाता है। नासा के मुताबिक जब चक्कर लगाते हुए चंद्रमा जब पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाए तो यह सूर्य ग्रहण कहलाता है। इस दौरान धरती के कुछ हिस्सों में प्रकाश नहीं पहुंच पाता है। अंतरिक्ष से अगर देखें तो एक विशाल परछाई पृथ्वी की सतह पर दिखाई देगी। वहीं जब चंद्रमा और सूर्य के बीच में पृथ्वी आ जाए तो यह चंद्र ग्रहण कहलाता है।
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