मुंबई। महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव (Maharashtra and Jharkhand assembly elections) के नतीजे आ चुके हैं। महाराष्ट्र (Maharashtra) में महायुति (Grand Alliance) की जीत और झारखंड में एनडीए की हार हुई है। महाराष्ट्र में एमवीए की हार पर राहुल गांधी और उद्धव ठाकरे (Rahul Gandhi and Uddhav Thackeray) हैरान रह गए। दोनों ने नतीजों को अप्रत्याशित बताया है। उद्धव ठाकरे ने महायुति के प्रदर्शन पर कहा है कि ये लहर नहीं, सुनामी थी। आखिरकार लोकसभा चुनाव से चार महीने में ही हालात कैसे इतने बदल गए। वहीं, राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के नतीजों को अप्रत्याशित बताया तो झारखंड के नतीजों को संविधान के साथ-साथ जल-जंगल-जमीन की रक्षा की जीत कहा।
महाराष्ट्र विधानसभा के नतीजों पर उद्धव ठाकरे ने कहा, ”लोकसभा चुनाव के चार महीने बाद ही हालात इतने बदल कैसे सकते हैं। हम महाराष्ट्र के अधिकारों के लिए लड़ते रहेंगे।” महायुति के बंपर प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि नतीजे दिखाते हैं कि लहर नहीं बल्कि सुनामी थी। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे पूरी तरह से अप्रत्याशित और समझ से परे हैं।
वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव के नतीजों पर ‘एक्स’ पर लिखा, ”झारखंड के लोगों का INDIA को विशाल जनादेश देने के लिए दिल से धन्यवाद। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी, कांग्रेस और झामुमो के सभी कार्यकर्ताओं को इस विजय के लिए हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। प्रदेश में गठबंधन की यह जीत संविधान के साथ जल-जंगल-ज़मीन की रक्षा की जीत है। महाराष्ट्र के नतीजे अप्रत्याशित हैं और इनका हम विस्तार से विश्लेषण करेंगे। प्रदेश के सभी मतदाता भाई-बहनों को उनके समर्थन और सभी कार्यकर्ताओं को उनकी मेहनत के लिए धन्यवाद।”
कांग्रेस बोली- हराने को हुआ षडयंत्र
कांग्रेस ने दावा किया कि विपक्ष को हराने के लिए षडयंत्र हुआ है और राज्य में (विपक्ष को) निशाना बनाकर समान अवसर की स्थिति को बिगाड़ा गया है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि झारखंड की जनता ने ध्रुवीकरण की राजनीति को ठुकराया है और देश के लिए सकारात्मक संदेश दिया है।
जयराम रमेश ने कहा, “आज का दिन कांग्रेस के लिए कहीं खुशी का कहीं ग़म का दिन है। झारखंड की जनता को बधाई देता हूं कि उन्होंने देश को रास्ता दिखाया है। ध्रुवीकरण की राजनीति को ठुकराया है। सारा चुनाव एक मुद्दे और एक शब्द ‘घुसपैठिए’ पर लड़ा गया, लेकिन जनता ने निर्णायक जवाब दिया।” उन्होंने कहा कि झारखंड से देश के लिए एक सकारात्मक संदेश है कि ध्रुवीकरण की राजनीति को हराया जा सकता है। रमेश ने आरोप लगाया कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि निशाना बनाकर समान अवसर की स्थिति को बिगाड़ा गया है। उन्होंने कहा, “हमें हराने के लिए कोई न कोई षडयंत्र हुआ।” उनके अनुसार, ये नतीजे अप्रत्याशित, आश्चर्यजनक, अकथनीय है।” रमेश ने कहा कि लोकसभा चुनाव में जो मुद्दे उठाए थे, वो आज भी महत्वपूर्ण हैं और आगे भी रहेंगे।
‘इस सुनामी को पहचान नहीं सके’
वहीं, शिवसेना (यूबीटी) के नेता आनंद दुबे ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन के खिलाफ हार स्वीकार करते हुए कहा कि वे इस सुनामी को पहचान नहीं पाए। दुबे ने महायुति गठबंधन को बधाई दी और कहा कि शिवसेना (यूबीटी) को इतनी बड़ी हार के बाद आत्ममंथन करने की जरूरत है। दुबे ने कहा, “हम इस सुनामी को पहचान नहीं पाए। लोकतंत्र में जनता सबसे महत्वपूर्ण है। हम जनता के फैसले का सम्मान करते हैं और महाराष्ट्र में सरकार बनाने वालों को बधाई देते हैं। हमें आत्ममंथन करने की जरूरत है कि हमसे कहां गलती हुई। हमारा घोषणापत्र बहुत अच्छा था, हमने समाज के सभी वर्गों की बात की।” उन्होंने कहा, “हमने कभी ‘एक रहेंगे, सेफ रहेंगे’ और ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ जैसे नारे नहीं दिए… हमें दुख है कि हम जनता का भरोसा नहीं जीत पाए… हमें इतनी बड़ी हार की उम्मीद नहीं थी।”
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