भोपाल। भारत निर्वाचन आयोग ने पोस्टल बैलेट की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाया है। आयोग द्वारा 3 तरह के वोटर्स को यह सुविधा प्रदान की गई है, जिसमें 80 वर्ष से अधिक के वोटर्स, पीडब्ल्यूडी वोटर्स (पर्सन्स विथ डिसएबिलिटीज) एवं कोविड-19 से प्रभावित व्यक्ति तथा कोविड-19 के संदिग्ध व्यक्ति शामिल हैं। उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेश प्रमोद शुक्ला ने बताया कि पोस्टल बैलेट की प्रक्रिया के तहत अंतिम नामांकन से 5 दिन तक प्रत्येक आर.ओ. के पास फार्म 12-डी में आवेदन देने की सुविधा प्रदान की गई है, जिसमें मतदाता-सूची की भाग संख्या एवं क्रमांक, ईपिक नम्बर, मोबाइल नम्बर, निवास का पता/चाहे गये स्थान का पता देना अनिवार्य होगा। आवेदन को विधिवत भरकर आरओ के पास जमा करना होगा। ऐसे व्यक्ति, जो कोविड-19 से संबंधित हैं, वह स्वास्थ्य विभाग का प्रमाण-पत्र संलग्न करेंगे। पोस्टल बैलेट से वोट देने की सुविधा स्वैच्छिक है। रिटर्निंग ऑफिसर प्रपत्र-1 में ऐसे समस्त आवेदनों को सूचिबद्ध कर तैयार करेंगे तथा प्रपत्र-2 में पात्रता का निर्धारण कर पोस्टल बैलेट जारी किये जाने वाले मतदाताओं की सूची तैयार करेंगे। ऐसे मतदाताओं से पोस्टल बैलेट के माध्यम से वोट प्राप्त करने हेतु एक टीम का गठन किया जायेगा, जिसमें मतदान अधिकारी की योग्यता के कर्मचारी सम्मिलित होंगे, जिनमें पुलिसकर्मी एवं वीडियोग्राफर अनिवार्य रूप से होंगे। इन्हें भौगोलिक रूप से एक क्षेत्र में निवास करने वाले समस्त मतदाताओं से पोस्टल बैलेट के माध्यम से वोट प्राप्त करने की सुविधा होगी। पोस्टल बैलेट के माध्यम से वोट प्राप्त करने की सुविधा की समस्त कार्यवाही वोटिंग की दिनांक से एक दिन पूर्व कर ली जायेगी। ऐसे समस्त लिफाफे एआरओ के पास जमा किये जायेंगे।
यदि मतदाता किसी कारणवश प्रथम बार दर्शाए गये निवास पर अनुपस्थित पाया जाता है, तो टीम दोबारा उसके घर जायेगी एवं उससे पोस्टल बैलेट पर उसी सुचिता एवं गोपनीयता से बंद लिफाफे में मतपत्र प्राप्त करेगी तथा उसे बड़े लिफाफे में डालकर सीलबंद करेगी। पोलिंग हेतु नियुक्त कर्मचारी फार्म 13-ए में मतदाता से डिक्लेरेशन प्राप्त करेगा, जिससे यह प्रमाणित हो कि उस वोटर को वह जानता है एवं उससे ही वोट प्राप्त किया है। उक्त समस्त कार्यवाही प्रत्येक दिन की मतदाता से वोट प्राप्त करने एवं एआरओ के पास जमा करने के लिए की जायेगी। उक्त प्रक्रिया सर्वप्रथम झारखंड चुनाव के कुछ मतदान केन्द्रों पर की गई थी। दिल्ली चुनाव में भी इसे सफलतापूर्वक लागू किया गया है। ऐसे मतदाताओं की सूची राजनीतिक दलों एवं उनके एजेंट को भी दी जावेगी। ऐसे मतदाता जिन्होंने पोस्टल बैलेट हेतु 12-डी में आवेदन प्रस्तुत किया है, उन्हें मतदान केन्द्र पर जाने की आवश्यकता नहीं होगी और न ही वह मतदान केन्द्र पर वोट डाल सकेंगे।
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