इंदौर। इंदौर से भोपाल के बीच रेल कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाने के उद्देश्य से दोनों शहरों के बीच वंदे मेट्रो ट्रेन चलाने की संभावना परखी जाएगी। पश्चिम मध्य रेलवे का भोपाल मंडल इसका आंकलन करेगा। इसमें पाथ के साथ यह खासतौर पर देखा जाएगा कि किस टाइम स्लॉट पर यह ट्रेन चलाई जा सकती है।
सूत्रों का कहना है कि पहले जिस समय सारणी पर इंदौर-भोपाल डबल डेकर चलती थी, उसी पाथ पर वंदे मेट्रो चलने की पूरी गुंजाइश है, क्योंकि अब तक वह पाथ खाली है और उस पर कोई अन्य ट्रेन नहीं चलाई जा सकती है। भोपाल मंडल को यह देखना होगा कि भोपाल या रानी कमलापति रेलवे यार्ड की पिटलाइन में वंदे मेट्रो के मेंटेनेंस का स्लॉट कब उपलब्ध है। यदि स्लॉट मिल गया तो सुबह भोपाल से यह ट्रेन निकलकर इंदौर आएगी और वापस लौटकर दोपहर तक भोपाल पहुंचेगी। वहां से निकलकर शाम तक फिर इंदौर आएगी और इंदौर से रात में चलकर भोपाल पहुंचेगी।
देवास-मक्सी रूट सबसे मुफीद
इंदौर से भोपाल आने-जाने वाली ज्यादातर ट्रेनें अभी उज्जैन होकर आती-जाती हैं, जिससे इंदौर से भोपाल जाने वाले यात्रियों को ज्यादा किराया देना पड़ता है और समय भी ज्यादा लगता है। दोनों महानगरों के बीच सबसे मुफीद रूट देवास-मक्सी का है, जो सबसे छोटा है। जानकारों का कहना है कि ऐसी ही वंदे मेट्रो उज्जैन से भोपाल के बीच अलग से चलाई जाना चाहिए।
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