इस्लामाबाद। अफगानिस्तान में जब तालिबान कब्जा कर रहा था तो पाकिस्तान उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा था। पाकिस्तान ही पहला ऐसा देश था जिसने तालिबान का समर्थन किया था। लेकिन अब अफगानिस्तान बेहद आर्थिक संकट से गुजर रहा है लोगों के पास रोजगार नहीं है, अर्थव्यवस्था भी लगभग गर्त में जा चुकी है।
वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शनिवार को कहा कि अफगानिस्तान में मानवीय संकट और आर्थिक पतन को रोकने के लिए हर संभव उपाय करना चाहिए। अफगान लोगों के लिए शांति, स्थिरता और आर्थिक विकास के साझा उद्देश्यों को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान और अमेरिका के बीच गहरी भागीदारी होनी चाहिए।
आतंकवाद पीड़ित क्षेत्र में सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए काम करना चाहिए
अमेरिकी सीनेटरों के चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए, पाक पीएम इमरान खान ने यह भी कहा कि दोनों देशों अमेरिका और पाकिस्तान को आतंकवाद से पीड़ित क्षेत्र में सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
शुक्रवार की रात पाकिस्तान पहुंचे प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ अपने लंबे समय से चले आ रहे संबंधों को महत्व देता है और सभी क्षेत्रों में विशेष रूप से आर्थिक आयाम में इसका विस्तार करने के लिए प्रतिबद्ध है।
पाकिस्तान पहुंचे चार सदस्यीय अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल में सीनेटर एंगस किंग, रिचर्ड बूर, जॉन कॉर्निन और बेंजामिन सासे शामिल थे। सभी चार सीनेटर इंटेलिजेंस पर सीनेट सेलेक्ट कमेटी के सदस्य हैं, जबकि सीनेटर किंग सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति के सदस्य भी हैं।
पीएम इमरान ने दोहराया कि दोनों देशों के बीच एक गहरी और मजबूत साझेदारी क्षेत्र की शांति, सुरक्षा और समृद्धि के लिए पारस्परिक रूप से लाभकारी और महत्वपूर्ण है। अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से भी मुलाकात की।
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