इस्लामाबाद (Islamabad)। जेल में बंद पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पीटीआई (Former Prime Minister Imran Khan’s party PTI) को एक बड़ी कानूनी जीत (Big legal victory) मिली है। दरअसल, शीर्ष अदालत (Supreme Court) ने पार्टी को नेशनल और प्रांतीय असेंबली (National and Provincial Assemblies) में आरक्षित सीटों के हिस्से के लिए पात्र माना है।
सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) 13 सदस्यीय पीठ ने शुक्रवार को अपने 8-5 के फैसले में सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार को झटका दिया है। यह मामला सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल (एसआईसी) ने दायर किया था। आठ फरवरी के आम चुनाव के बाद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के सांसद एसआईसी में शामिल हुए थे। पीटीआई के नेताओं को निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने के लिए मजबूर किया गया था।
पीटीआई को शुरू में कथित चुनावी कानून के उल्लंघन के चलते अपने चुनाव चिह्न क्रिकेट बैट के साथ चुनाव लड़ने से रोक दिया गया था। नतीजतन, पीटीआई के उम्मीदवारों ने निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा था। इन निर्दलीय उम्मीदवारों ने 93 सीटों पर जीत हासिल की थी।
दूसरे और तीसरे स्थान पर रहीं पीएमएल-एन और पीपीपी
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) 75 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही। जबकि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) 54 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर रही। इमरान खान ने किसी प्रतिद्वंद्वी दल से हाल मिलाने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद पीएमएल-एन और पीपीपी छोटे दलों के साथ गठबंधन सरकार बनाने पर सहमत हुए।
पीटीआई ने एसआईसी के साथ किया था गठबंधन
पीटीआई समर्थित उम्मीदवारों ने निर्दलीय के रूप में जीत हालिस की। बाद में एसआई के साथ गठबंधन किया। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को अपने फैसले में पेशावर उच्च न्यायालय के फैसले को रद्द कर दिया था और चुनाव आयोग के फैसले को अमान्य घोषित कर दिया था।
शीर्ष अदालत ने पीएचसी के फैसले के फैसले को किया रद्द
डॉन अखबार की खबर के मुताबिक, शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को पेशावर उच्च न्यायालय (पीएचसी) के फैसले को रद्द किया। जबकि चुनाव आयोग के फैसले को भी अमान्य घोषित किया और इसे पाकिस्तान के संविधान के खिलाफ बताया।
पीटीआई ने मांगा मुख्य चुनाव आयुक्त का इस्तीफा
पीटीआई के सदस्यों ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत किया। पीटीआई के आधिकारिक एक्स अकाउंट से पाकिस्तान के संविधान का उल्लंघन करने के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त सिकंदर सुल्तान राजा के तत्काल इस्तीफे की मांग की।
पीटीआई नेता बोले- लड़ाई जारी रहेगी, ईसीपी की मंशा पर सवाल
पीटीआई नेता और खैबर पख्तूनख्वा के पूर्व वित्त मंत्री तैमूर खान झागरा ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर इमरान खान और पीटीआई समर्थकों को बधाई दी। उन्होंने कहा, लड़ाई जारी रहेगी। ईसीपी की मंशा पर भी सवाल हैं।
पूरा मामला क्या था
आरक्षित सीटों का मुद्दा उस समय सुर्खियों में आया जब पीटीआई समर्थित 80 से ज्यादा निर्दलीय उम्मीदवार आठ फरवरी को विजयी हुए। इसके बाद एसआईसी ने 21 फरवरी को ईसीपी का रुख कर आरक्षित सीटों के आवंटन की मांग की थी। हालांकि, पीटीआई को तब झटका लगा था, जब ईसीपी ने अपने उम्मीदवारों की सूची जमा करने में विफल रहने का हवाला देते हुए चार मार्च को 4-1 के बहुमत से एसआईसी को आरक्षित सीटें आवंटित करने से इनकार कर दिया था। ईसीपी ने अन्य सियासी दलों के बीच महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित सीटों का वितरण किया था।
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