img-fluid

पाकिस्तान नौसेना करेगी युद्धपोतों का निर्माण, कराची शिपबिल्डर्स ने की बड़ी डील

May 27, 2024

इस्लामाबाद (Islamabad)। पाकिस्तानी नौसेना (Pakistan Navy) तेजी से भारत की बराबरी (India’s equality) करने के रास्ते पर चल रही है। इसी कड़ी में पाकिस्तान (Pakistan) के कराची शिपबिल्डिंग वर्क्स (Karachi Shipbuilding Works) ने अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए एक बड़ी डील की है। इस डील के जरिए पाकिस्तानी नौसेना के लिए तेजी से युद्धपोतों, पनडुब्बियों और दूसरे समुद्री पोतों का निर्माण किया जाएगा। यह सभी गतिविधियां भारतीय नौसेना द्वारा संचालित एकमात्र बंदरगाह और स्वेज नहर के पूर्व में सबसे बड़ा नौसैनिक अड्डे के करीब की जाएंगी। पाकिस्तानी नौसेना की कोशिश 50 युद्धपोतों को संचालित करने की है, जो उसे एशिया के सबसे बड़े नौसैनिक बेड़े में से एक बना देगा।


भारत को खतरे के तौर पर देखता है पाकिस्तान
पाकिस्तान भारत के नौसैनिक निर्माण को सीधे खतरे के रूप में देखता है, क्योंकि इससे भारत को समुद्र में महत्वपूर्ण युद्ध लड़ने की क्षमता मिलती है, जो संभावित संघर्ष के दौरान पाकिस्तान के लिए नुकसानदेह हो सकता है। पाकिस्तान का रक्षा उद्योग अभी भी अधिकांश जहाज निर्माण और नौसैनिक उप-प्रणालियों के लिए दूसरे देशों पर निर्भर है। पाकिस्तान में प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों, जैसे डीजल इंजन, गैस टर्बाइन, सेमीकंडक्टर, कंपोजिट विनिर्माण, या उन्नत ग्रेड स्टील के लिए बाहर की ओर देखता है। यही कारण है कि पाकिस्तान अब भारत की तरह स्वदेशीकरण पर ज्यादा जोर दे रहा है।

पाकिस्तान के लिए आसान नहीं राह
हालांकि, पाकिस्तानी फर्मों के लिए राह इतनी आसान नहीं है क्योंकि इनमें से अधिकांश इकाइयां, विशेष रूप से स्ट्रैटेजिक प्लान्स डिवीजन से संबंधित इकाइयां, संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा ब्लैकलिस्टेड हैं। उनके साथ सहयोग विदेशी कंपनियों को अमेरिकी प्रतिबंधों की कतार में खड़ा कर सकता है। बहरहाल, कराची शिपयार्ड एंड इंजीनियरिंग वर्क्स (KSEW) भविष्य में बड़े और बेहतर युद्धपोत बनाने के लिए अपनी क्षमता वृद्धि के साथ आगे बढ़ रहा है। दिलचस्प बात यह है कि, इसके करीब, भारत वर्जीनिया में अमेरिकी नौसेना के विशाल नॉरफ़ॉक नौसैनिक अड्डे के समान एक नौसैनिक अड्डा बना रहा है।

आईएनएस कदंब के करीब पाकिस्तान करेगा निर्माण
प्रोजेक्ट सीबर्ड, जिसका नाम आईएनएस कदंब है, नौसेना द्वारा विशेष रूप से नियंत्रित बंदरगाह वाला पहला ऑपरेशनल बेस है। यह नौसेना को व्यापारी जहाजों की आवाजाही की चिंता किए बिना अपने परिचालन बेड़े की स्थिति और संचालन की अनुमति देता है। नौसेना के अन्य दो ऑपरेशनल पोर्ट मुंबई और विशाखापत्तनम में हैं, जो वाणिज्यिक बंदरगाहों के भीतर स्थित हैं। भारत के दोनों तटों पर स्थित, युद्ध के समय व्यापारिक जहाजों के बीच युद्धपोतों की आवाजाही मुश्किल हो सकती है।

Share:

Research: देश में शहरीकरण ने 60% बढ़ाई गर्मी, भुवनेश्वर का सबसे ज्यादा योगदान

Mon May 27 , 2024
नई दिल्ली (New Delhi)। शहरीकरण (Urbanization) ने भारतीय शहरों (Indian cities) में गर्मी को 60 फीसदी (Increased heat to 60 percent.) तक बढ़ा दिया है। पूर्वी भारत (Eastern India.) के टियर-2 शहर इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। उदाहरण के लिए ओडिशा (Odisha)के भुवनेश्वर (Bhubaneswar) में शहरीकरण ने गर्मी में 90 फीसदी का योगदान दिया है। […]
सम्बंधित ख़बरें
खरी-खरी
सोमवार का राशिफल
मनोरंजन
अभी-अभी
Archives

©2024 Agnibaan , All Rights Reserved