इंदौर, प्रदीप मिश्रा। दावा तो यह है कि साल 2025 तक ई-व्हीकल के मामले में इंदौर प्रदेश में सबसे आगे होगा। इसके लिए शहर में 100 से ज्यादा ई-चार्जिंग स्टेशन बनाए जाना हैं, मगर प्रशासन का ई-चार्जिंग सेंटर प्रोजेक्ट कछुआचाल को भी मात दे रहा है। अभी तक सिर्फ 7 चार्जिंग स्टेशन ही शुरू हो पाए हैं, जिनमें से निजी दो और चार पहिया ई-व्हीकल के लिए सिर्फ 2 चार्जिंग सेंटर ही शुरू हुए हैं। इस वजह से जिन्होंने ई-व्हीकल ले लिए हैं उन्हें अपने घर या संस्थान पर ही ई-चार्ज कर बैटरी खत्म होने के पहले काम निपटाकर लौटना ही पड़ता है।
साफ-सफाई में नंबर वन शहर में वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए ई-व्हीकल शहर की जरूरत बन चुके हंै। औद्योगिक-व्यावसायिक संस्थान के अलावा शहरवासी महंगे पेट्रोल-डीजल से निजात पाने के लिए अब ई-व्हीकल इस्तेमाल करना चाहते हैं, मगर शहर सहित जिले में पर्याप्त ई-चार्जिंग सेंटर नहीं बनने के कारण सैकड़ों उद्योग ई-व्हीकल का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। इस वजह से करोड़ों रुपए के वाहनों की खरीदी अटकी पड़ी है। केंद्र सरकार के सहयोग से ई-व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए कई प्रकार की योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिसके तहत शासकीय जमीन से लेकर निजी जमीन पर ई-चार्जिंग स्टेशन बनाने की योजना है।
लगभग 100 ई -चार्जिंग स्टेशन अटके पड़े हैं
इंदौर जिले में प्रशासन का शहर से लेकर तहसील स्तर तक 109 ई-चार्जिंग स्टेशन बनाने का दावा है, मगर अभी तक शहर में लगभग 10 से भी कम चार्जिंग सेंटर बन पाए हैं। जितने सेंटर बने हैं वहां पर अटल सिटी ट्रांसपोर्ट की ई- बसों के अलावा नगर निगम सहित अन्य सरकारी विभागो के ई-वाहनो की बैटरी चार्ज की जाती है। अटल इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस द्वारा संचालित लगभग 40 इलेक्ट्रिक बसें ई-चार्ज की जाती हैं। एआईसीटीएसएल अधिकारियों का कहना है कि इसके अलावा 80 नई ई-बसे ं शहर के लिए आना प्रस्तावित है। इसके अलावा खजराना में इनका सिविल वर्क पूरा हो चुका है। इलेक्ट्रिक का काम किया जाना बाकी है। मगर सवाल यह है कि शहर व ग्रामीण इलाके के निजी व व्यावसायिक-औद्योगिक ई-वाहनों के लिए ई-चार्जिंग स्टेशन कब तक बन पाएंगे। इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के अटकने के कारण ई-व्हीकल खरीदने वाले उपभोक्ता वाहन खरीदने में कतरा रहे हैं।
आरटीओ रिकार्ड में 5000 से ज्यादा ई-वाहन
इंदौर एआरटीओ अधिकारी अर्चना मिश्रा के अनुसार आरटीओ कार्यालय इंदौर में अभी तक 5 हजार से ज्यादा ई-वाहनों को पंजीकृत किया जा चुका है, जिनमें नगर निगम, अटल सिटी ट्रांसपोर्ट के वाहनों के अलावा ई-रिक्शा व उद्योगों एवं व्यावसायिक संस्थानों के ई-वाहन शामिल हैं। 1 जून 2002 तक जो ई-वाहन पंजीकृत किए गए उनकी संख्या इस प्रकार है- 4626 ई-वाहन पुरुषों के नाम से तो वहीं महिलाओं के नाम से 843 थिंक ई-बाइक, गो कंपनी के 40, ऑनडोर कांसेप्ट 32, जुबिलेंट फूड वक्र्स 49, ग्रीन वैली एनर्जी वेंचर्स 20, डिजियाना 60, अटल इंदौर 16, ई- सवारी रेंटल प्राइवेट इंटरप्राइजेज 165, गोदावरी एमोब्लिटी 26, इंदौर नगर निगम 10। इसके अलावा अन्य लघु उद्योग व्यावसायिक फर्मों के 360 ई- वाहन हैं। इसमें चौंकाने वाली बात यह है कि नगर निगम व अटल सिटी के कई ई-वाहन आरटीओ में पंजीकृत ही नहीं हैं।
शहर में निजी वाहनों के लिए 2 ही ई-चार्जिंग सेंटर
अभी तक शहर में निजी ई-वाहनों के लिए 2 ही ई-चार्जिंग सेंटर शुरू हो पाए हैं, जिनमें से एक पालिका प्लाजा, दूसरा माई मंगेशकर हॉल के सामने बनाया गया है। चार्जिंग सेंटर बनाने वालों का दावा है कि यहां एक साथ 11 ई-वाहन ई-चार्ज हो सकते हैं। इन वाहनों को ई- चार्ज होने में 60 मिनट का समय लगेगा।
शासकीय विभागों के वाहनों के लिए
सरकारी विभागों के ई-व्हीकल के लिए अभी तक राजीव गांधी चौराहा, आईबस डिपो, हवा बंगला, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट ऑफिस नेहरू पार्क, अटल सिटी ट्रांसपोर्ट कार्यालय परिसर, नगर निगम परिसर में ई-चार्जिंग स्टेशन बनाए गए हैं। इसके अलावा सिलिकॉन सिटी, चंदन नगर इलाके में चार्जिंग स्टेशन बनाने का काम जारी है।
इन चार जगह पर सेंटर बनाने का काम जारी
2 जगह ई-चार्जिंग सेंटर शुरू होने के अलावा शहर में तीन इमली चौराहा, राजीव गांधी चौराहा, सत्यसांई चौराहा, खजराना में निजी वाहनों के लिए ई-चार्जिंग स्टेशन बनाने का काम जारी है। जिम्मेदारों का दावा है कि अगस्त माह तक यह सेंटर शरू हो जाएंगे।
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