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श्रीलंका दौरे के आखिरी दिन PM मोदी ने महाबोधि मंदिर में दर्शन कर बौद्ध भिक्षु से आशीर्वाद लिया

  • April 06, 2025

    कोलंबो. प्रधानमंत्री (PM) नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने अपने तीन दिवसीय श्रीलंका (Sri Lanka) दौरे के आखिरी दिन आज राष्ट्रपति (President) अनुरा कुमारा दिसानायके (Anura Kumara Dissanayake) के साथ अनुराधापुरा गए, जहां दोनों ने जय श्री महाबोधि मंदिर में प्रार्थना किया. मंदिर में पीएम मोदी ने बौद्ध भिक्षु से आशीर्वाद लिया. इसके बाद पीएम मोदी ने श्रीलंका के उत्तरी क्षेत्र को राजधानी कोलंबो से जोड़ने वाले एक रेलवे प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया. इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में भारत ने श्रीलंका को तकनीकी और आर्थिक सहायता मुहैया कराई है. बता दें कि भारतीय प्रधानमंत्री 4 अप्रैल की शाम को श्रीलंका की तीन दिवसीय राजकीय यात्रा पर राजधानी कोलंबो पहुंचे थे.


    पिछले साल सितंबर में अनुरा कुमारा दिसानायके ने श्रीलंका के 10वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी. इसके बाद उन्होंने अपने पहले विदेशी दौरे के लिए भारत को चुना था. वहीं, दिसानायके के राष्ट्रपति बनने के बाद पीएम मोदी श्रीलंका का दौरा करने वाले पहले विदेशी राष्ट्राध्यक्ष हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनुराधापुरा में आज महो-अनुराधापुरा रेलवे सिग्नलिंग सिस्टम और महो-ओमानथाई रेलवे लाइन का औपचारिक उद्घाटन किया. ये दोनों ही प्रोजेक्ट भारत सरकार की सहायता से स्थापित किए गए हैं. श्रीलंका ने प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान विशेष सद्भावना के तहत 14 भारतीय मछुआरों को रिहा किया.

    वर्ल्ड हेरिटेज प्रॉपर्टी है अनुराधापुरा
    अनुराधापुरा एक बौद्ध तीर्थ शहर और वर्ल्ड हेरिटेज प्रॉपर्टी है. यह थेरवाद बौद्ध धर्म की जन्मस्थली भी है जो कंबोडिया, लाओस और म्यांमार सहित श्रीलंका में प्रमुख धर्म है. बौद्ध धर्म का यह रूप भारत, चीन, बांग्लादेश, नेपाल और वियतनाम में भी प्रचलित है. अनुराधापुरा श्रीलंका की प्राचीन राजधानी भी रही है, , जिसे 1980 के दशक से यूनेस्को के समर्थन से संरक्षित किया जा रहा है. श्रीलंकाई सरकार जाफना और कैंडी सहित अनुराधापुरा को हेरिटेज सिटी के रूप में विकसित करने की योजना बना रही है.

    अनुराधापुरा दुनिया के सबसे पुराने बसे शहरों में से एक है. राजधानी कोलंबो से 200 किलोमीटर (124 मील) उत्तर में स्थित अनुराधापुरा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंजीर के पेड़ को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे, जिसके बारे में माना जाता है कि यह भारत में स्थित उस बोधि वृक्ष की कलम (पेड़ का अंश) से उगाया गया है, जिसके नीचे 2,500 वर्ष से अधिक समय पहले भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. बता दें कि गौतम बुद्ध को बिहार के गया में एक वृक्ष के नीचे ध्यान मुद्रा में बैठे होने के वक्त ज्ञान की प्राप्ति हुई, जिसे ‘बोधि’ या ‘जागृति’ के रूप में भी जाना जाता है. गया को अब बोधगया के नाम से जाना जाता है और वह वृक्ष महाबोधि मंदिर परिसर में स्थित है.

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