नई दिल्ली: पर्यटन विकास परिषद मनाली, हिमाचल प्रदेश और IDFC फर्स्ट बैंक (IDFC First Bank) ने फास्टैग (FASTag) का इस्तेमाल करके ग्रीन टैक्स (Tax) का भुगतान शुरू किया है. यह पहली बार है कि फास्टैग बैलेंस राशि का इस्तेमाल देश में ग्रीन टैक्स का भुगतान करने के लिए किया जा रहा है. एक बयान में बताया गया है कि यह मनाली में मोटर चालकों के लिए ऐसे भुगतानों को कैशलेस (Cashless) और सुविधाजनक बना रहा है.
अब तक फास्टैग बैलेंस का इस्तेमाल टोल, ईंधन और पार्किंग शुल्क के भुगतान के लिए किया जाता रहा है. IDFC फर्स्ट बैंक को पर्यटन विकास परिषद मनाली ने अधिग्रहणकर्ता बैंक के रूप में चुना है. हिमाचल प्रदेश में हर महीने 50 लाख पर्यटक आते हैं. इस साझेदारी पर बोलते हुए, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के मुख्य परिचालन अधिकारी बी. मधिवनन ने कहा कि ट्रांजिट से संबंधित भुगतानों के डिजिटलीकरण के क्षेत्र में अभी भारत एक नए मोर्चे पर है.
बैंक ने कहा कि उन्होंने मोटर चालकों के लिए भुगतान को आसान और तेज बनाने के लिए लगातार फास्टैग विकसित किया है. उन्होंने फास्टैग का इस्तेमाल करके ईंधन और पार्किंग के भुगतान के लिए रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) तकनीक के लाभों का विस्तार किया है. बयान के मुताबिक, वे ग्रीन टैक्स के भुगतान के लिए पहली बार फास्टैग शुरू करने के लिए पर्यटन विकास परिषद मनाली के साथ साझेदारी करके खुश हैं, जिससे यह कैशलेस हो गया है. इससे स्टॉपेज का समय कम होगा और मोटर चालकों को मनाली में एक आसान क्रॉस-ओवर मिलेगा.
बैंक ने जारी किए 60 लाख फास्टैग
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक आज 400 से ज्यादा टोल प्लाजा को सेवा देने वाला सबसे बड़ा अधिग्रहणकर्ता है और उसने करीब 60 लाख फास्टैग जारी किए हैं. बैंक ने कहा कि उसने टैग का इस्तेमाल करने वाले मोटर चालकों द्वारा प्रतिदिन औसतन लगभग 20 लाख का लेन-देन किया जाता है.
डीसी कुल्लू, आशुतोष गर्ग ने बताया कि ग्रीन टैक्स कलेक्शन के लिए फास्टैग सुविधा की शुरुआत जिला प्रशासन कुल्लू और टीडीसी मनाली के साथ इंडियन हाईवे मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (IHMCL), भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक की सहज लेनदेन की सुविधा के लिए एक पहल है. यह ह्यूमन इंटरफेस को कम करता है और समय बचाने के साथ-साथ डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहित करता है.
फास्टैग प्रोग्राम को संयुक्त रूप से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI), भारतीय राजमार्ग प्रबंधन कंपनी लिमिटेड (IHMCL) और भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा सभी राष्ट्रीय राजमार्ग प्लाजा पर टोल किराया स्वीकार करने के माध्यम के रूप में लॉन्च किया गया था. बैंक इस इको-सिस्टम में जारीकर्ता और अधिग्रहणकर्ता के रूप में काम करते हैं जो एक दिन में करीब 70 लाख लेनदेन की प्रक्रिया करता है.
फास्टैग्स सभी राष्ट्रीय राजमार्ग टोल प्लाजा और चुनिंदा राज्य राजमार्गों पर स्वीकार किए जाते हैं. सक्रिय टोल प्लाजा की नवीनतम संख्या लगभग 900 है. आईडीएफसी फर्स्ट बैंक एक अधिग्रहण करने वाला बैंक है और करीब 412 टोल प्लाजा और 15 पार्किंग स्थानों पर फास्टैग के माध्यम से भुगतान को सक्षम बनाता है. बैंक कमर्शियल वाहन क्षेत्र में फास्टैग के उपयोग का नेतृत्व करता है और लंबी दूरी के ट्रकों के लिए पसंदीदा टैग है.
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