वॉशिंगटन। सिंगापुर में बीती रात शंगरी-ला डायलॉग डिफेंस समिट हुआ, जिसमें अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू भी शामिल हुए। सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं ने हाथ मिलाए लेकिन अमेरिका इससे संतुष्ट नहीं है। दरअसल शंगरी ला डायलॉग से इतर दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच बातचीत होनी थी लेकिन बीते दिनों चीन ने अमेरिका की इस पेशकश को खारिज कर दिया था।
चीन के साथ बातचीत के पक्ष में अमेरिका
चीन द्वारा बातचीत की पेशकश खारिज होने पर अमेरिका ने निराशा जाहिर की है। अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि ‘अमेरिका का मानना है कि चीन के साथ बातचीत के रास्ते खुले रहने चाहिए। खासकर हमारे रक्षा और सैन्य नेताओं के बीच बातचीत जरूरी है। जितना ज्यादा हम बातचीत करेंगे, उतनी ही गलतफहमी की आशंका कम होगी। इससे संघर्ष जैसे हालात नहीं बनेंगे।’
उल्लेखनीय है कि चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू को अमेरिका ने साल 2018 में प्रतिबंधित कर दिया था। दरअसल रूसी हथियार खरीदने के चलते ली शांगफू पर यह कार्रवाई की गई थी। माना जा रहा है कि चीनी रक्षा मंत्री के अमेरिका रक्षा मंत्री से बातचीत को खारिज करने की ये भी एक वजह है। हालांकि पेंटागन ने कहा कि प्रतिबंध के चलते आधिकारिक बातचीत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
चीन के रूख से अमेरिका चिंतित
अमेरिका के रक्षा मंत्री ने कहा कि वह चीन द्वारा बातचीत को लेकर अनिच्छा जाहिर करने से बेहद चिंतित हैं। अंतरराष्ट्रीय एयरस्पेस में अमेरिका और सहयोगी देशों के साथ हो रहे खतरनाक इंटरसेप्ट पर भी लॉयड ऑस्टिन ने चिंता जाहिर की। बता दें कि हाल ही में दक्षिण चीन सागर के ऊपर एयरस्पेस में अमेरिका और चीन के लड़ाकू विमान काफी नजदीक आ गए थे।
ताइवान और चाइनीज जासूसी गुब्बारे के मुद्दे पर अमेरिका और चीन के रिश्तों में कड़ावहट बढ़ी है। बता दें कि अमेरिका रक्षा मंत्री इन दिनों एशिया के दौरे पर आए हुए हैं। वह पहले जापान के दौरे पर गए और जल्द ही भारत भी पहुंचेंगे। चीन को काउंटर करने के उद्देश्य से अमेरिकी रक्षा मंत्री की इस यात्रा को अहम माना जा रहा है।
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