नई दिल्ली। राजस्थान (Rajasthan) के जयपुर और पंजाब (Jaipur and Punjab) के लुधियाना समेत देश के कई राज्यों में हिजाब (Hijab) के समर्थन में मुस्लिम महिलाओं (Muslim women) ने प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि यह उनका निजी मामला है। इसमें राजनीतिक पार्टियां दखल न दें। हम अपनी संस्कृति को नहीं छोड़ सकते। उधर, राजस्थान में महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि महिलाओं को अपने हिसाब से जीने दिया जाए।
इस बीच बीजेपी की तरफ से हिजाब के मुद्दे को उठाकर समान नागरिक संहिता की चर्चा तेज हो गई है । उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने समान नागरिक संहिता की बात की जिसका समर्थन फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने किया, लेकिन सवाल जस का तस है। नेता हों या धर्म गुरु ये शिक्षा की बात क्यों नहीं करते, ये रोजगार की बात क्यों नहीं करते। युवाओं को पढ़ाने और बढ़ाने की जगह हिजाब जैसे मुद्दों पर हंगामा क्यों खड़ा किया जा रहा है ।
गौरतलब है कि गत दिवस जयपुर जिले के चाकसू स्थित कस्तूरबा कालेज में कुछ छात्राएं बुर्का पहनकर पहुंची थीं। कालेज के मुख्य द्वार पर इनको रोक दिया गया था। कालेज प्रशासन ने छात्राओं को तय ड्रेस पहनकर आने के लिए कहा था। इस पर छात्राओं ने अपने स्वजन को मोबाइल पर फोन कर के बुला लिया था। छात्राओं और उनके स्वजन ने कुछ देर इस मामले को लेकर हंगामा किया था। बाद में अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर मामला शांत करवाया था।
इसी बीच शनिवार को जयपुर के रामनिवास बाग स्थित अल्बर्ट हाल पर मुस्लिम समाज की महिलाओं ने हिजाब और बुर्का पहनकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने कहा कि हम क्या पहनेंगे यह हमें तय करना है। किसी और को यह तय करने की जरूरत नहीं है। हिजाब और बुर्का हमें बुरी नजरों से बचाता है। उन्होंने कहा कि हिजाब और बुर्का हमारे धर्म, आस्था और अल्ला के प्रति विश्वास का प्रतीक है।
महिलाओं का नेतृत्व कर रहीं यास्मीन और हमजा ने कहा कि विरोध करने वालों को हम हिजाब का मतलब समझाएंगे। उधर, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेहाना रियाज ने कहा कि किस महिला को क्या पहनना है, यह उसे तय करने दिया जाना चाहिए। महिलाओं को अपने हिसाब से जीने दिया जाए ।
राजस्थान भाजपा के प्रवक्ता व विधायक रामलाल शर्मा ने कहा कि हमें किसी के लिबास से कोई समस्या नहीं है। लेकिन, शिक्षण संस्थाओं में तो यूनिफार्म ही पहननी चाहिए । शिक्षण संस्थानों को धर्म से बाहर रखना चाहिए । उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत सरकार शिक्षक भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ी को दबाने के लिए खुद यह मुददा उठवा रही है। उधर, राजस्थान कांग्रेस के प्रवक्ता स्वर्णिम चतुर्वेदी ने कहा कि कांग्रेस सरकार पर भाजपा गलत आरोप लगा रही है। कांग्रेस का इस विवाद से कोई सरोकार नहीं है।
इसी तरह से लुधियाना के फील्डगंज इलाके में एकत्रित हुई मुस्लिम महिलाओं ने कहा कि हिजाब उनके धर्म का एक अहम हिस्सा है और वह इसको आज से नहीं बल्कि सदियों से पहनती चली आ रही हैं। उन्होंने कहा कि यह एक मुस्लिम महिला पर निर्भर करता है कि वह हिजाब पहने या फिर नहीं पहनें। उन्होंने कहा हिजाब पहनना उनकी एक धार्मिक संस्कृति है और वह इसे किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ सकतीं। लुधियाना में महिलाओं ने पाकिस्तान को चेताया कि वह इस मसले को लेकर किसी भी प्रकार की दखलअंदाजी न करे, क्योंकि यह उनके घर का और भारत का मामला है। वह भारत में रहती हैं और यह मसला भारतीय मुस्लिम महिला ही खुद देखेंगी।
प्रदर्शन की अगुआई कर रहे पंजाब के शाही इमाम मौलाना मुहम्मद उस्मान लुधियानवी का कहना था कि हिजाब को लेकर कुछ राजनीतिक दल अपनी रोटियां सेक रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा एक विशेष समुदाय को एक सोची समझी साजिश के तहत निशाना बनाया जा रहा है। इसके साथ ही यह प्रदर्शन रविवार को तेज आक्रामक रुख लेता हुआ दिखा है। कई राज्यों से हिजाब प्रदर्शन में हंगामा और तोड़फोड़ की घटना सामने आई है । हंगामे की आग में नेताओं के विवादित बयान घी की तरह काम कर रहे हैं । नेताओं के बयानों से आम जनता की भावनाएं भड़काई जा रही हैं । उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की नेता रूबीना खान ने अपने एक बयान में हिजाब पहनने से रोकने वालों की हाथ काटने की धमकी दी थी जब सफाई मांगी तो उन्होंने अपने विवादित बयान को ठीक बताया।
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