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    MP : मालदार होने के साथ शातिर भी थी हेमा मीणा, बंगले में फोन नहीं बल्कि वॉकी-टॉकी से करती थी बात

  • May 13, 2023

    भोपाल (Bhopal) । लोकायुक्त (Lokayukta) पुलिस की छापामार कार्रवाई से उजागर हुई मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की मालदार इंजीनियर के कई चौकानें वाले तथ्य सामने आ रहे हैं. 30 हजार रुपये मासिक वेतन पाने वाली मालदार इंजीनियर हेमा मीणा (Hema Meena) खुद तो लग्जरी लाइफ जीती है. साथ ही उसके कुत्तों की भी मौज हैं. हेमा मीणा के पास मौजूद 100 से अधिक विदेशी नस्ल के डॉग्स गैस चूल्हे से बनी रोटी नहीं, बल्कि ढाई लाख रुपये की लागत वाली मशीन की रोटी खाते हैं.

    लोकायुक्त टीम को छापामार कार्रवाई में मध्य प्रदेश पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन में प्रभारी सहायक यंत्री हेमा मीणा के घर से इतनी संपत्ति मिल रही है कि, जांच में दो दिन का समय लगेगा. जानकारी के अनुसार, साल 2011 से ड्यूटी ज्वाइन करने वाली सहायक इंजीनियर हेमा मीणा ने महज 13 साल की नौकरी में ही करोड़ों की संपत्ति अर्जित कर ली. भ्रष्टाचार से अर्जित की गई इस संपत्ति की शिकायत लोकायुक्त पुलिस को साल 2020 में की गई थी. तभी से लोकायुक्त टीम ने मालदार इंजीनियर हेमा मीणा पर नजर बनाए हुए थी.


    हेमा मीणा के ठिकानों पर छापामार कार्रवाई
    लोकायुक्त टीम ने जब शिकायत को सही पाया तो एक दिन पहले मध्य प्रदेश पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन में प्रभारी सहायक यंत्री हेमा मीणा के ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की. लोकायुक्त टीम ने इंजीनियर हेमा मीणा के एक साथ तीन स्थानों पर छापा मारा. लोकायुक्त टीम की हेमा मीणा के भोपाल के बिलखिरिया स्थित आवास, रायसेन के फार्म हाउस सहित तीन स्थानों पर सुबह छह बजे से कार्रवाई जारी है. इस कार्रवाई के दौरान सहायक इंजीनियर के घर में 30 लाख रुपये की कीमत की एलइडी मिली है.

    शातिर इतनी कि लोकायुक्त को लगे तीन साल
    बता दें मध्य प्रदेश पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन में प्रभारी सहायक यंत्री हेमा मीणा मालदार होने के साथ ही इतनी शातिर है कि लोकायुक्त टीम को भी उन तक पहुंचने में पूरे तीन साल लग गए. लोकायुक्त टीम को साल 2020 में शिकायत मिली थी. शिकायत की पड़ताल में ही लोकायुक्त टीम को पूरे तीन साल लगे. क्योंकि हेमा मीणा अपने लग्जरी बंगले पर कर्मचारियों ने मोबाईल पर नहीं बल्कि वॉकी टॉकी से बात किया करती थी. इतना हीं नहीं इंजीनियर हेमा ने अपने बंगले पर जैमर लगा रखा था. इन्हीं कारणों के चलते लोकायुक्त टीम को कार्रवाई के लिए तीन साल का लंबा इंतजार करना पड़ा.

    बताया जा रहा है कि सहायक इंजीनियर हेमा अपने पति को तलाक दे चुकी हैं. इसके बाद ही उन्होंने पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन जॉइन किया. बताया जा रहा है कि हेमा मीणा के जब से एक सीनियर इंजीयर से अच्छी ट्यूनिंग हुई. तब से उनकी संपत्ति में तेजी से इजाफा हुआ है. बताया जा रहा है कि अब लोकायुक्त की नजर सीनियर इंजीनियर पर भी पड़ गई है.

    एक करोड़ का बंगला
    मध्य प्रदेश पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन में प्रभारी सहायक यंत्री (संविदा) हेमा मीणा का एक करोड़ रुपये का आलीशान बंगला है. वहीं लोकायुक्त टीम को भोपाल, रायसेन और विदिशा के कई गांवों जमीन खरीदी के दस्तावेज भी मिले हैं. इसी के साथ टीम को हार्वेस्टर, धान बुवाई मशीन, ट्रेक्टर और खेती में काम आने वाले अन्य उपकरण के कागज बरामद हुए हैं. हेमा मीणा मूलत: रायसेन जिले के चपना गांव की रहने वाली है.

    साल 2016 में हेमा मीणा पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन में पदस्थत हैं. इससे पहले वह कोच्चि में पदस्थ रह चुकी है. लोकायुक्त टीम 2011 से उसकी आय को जांच में लिया है. लोकायुक्त टीम को सहायक इंजीनियर के घर से इतने दस्तावेज मिले कि अब जांच दो दिन तक चलेगी.

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