भोपाल। राजधानी भोपाल में कोरोना (Corona) के बाद अब ब्लैक फंगस (Black fungus) का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। बीते कुछ दिनों में 100 से ज्यादा मरीज सामने आ चुके हैं। अब तक 6 मरीजों की मौत हो चुकी है और कई मरीज अभी भी गंभीर हैं। इन्हें मिलाकर प्रदेश भर में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या 500 के पार पहुंच चुकी है। यदि समय रहते इस संक्रमण को कंट्रोल नहीं किया गया तो यह कोरोना से ज्यादा विकराल हो सकता है।
जानकारी के अनुसार भोपाल में बीते 10 दिन में ब्लैक फंगस के 120 से ज्यादा मरीज मिले। इनमें से 6 मरीजों की जान जा चुकी है। सबसे ज्यादा 4 मरीज की मौत मंगलवार को हुई। अभी भी कई मरीजों की हालत गंभीर बताई जा रही है। हमीदिया अस्पताल में ब्लैक फंगस मरीजों के लिए बनाया गया वार्ड भी अब फुल होता जा रहा है। यहां पर नए मरीजों के इलाज के लिए जगह नहीं बच रही है। फिलहाल ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज हमीदिया, एम्स समेत शहर के कुछ प्राइवेट अस्पतालों में चल रहा है।
अब तक सरकार की तैयारी
सरकार ने ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए अस्पतालों में अलग से नए वॉर्ड तैयार किए हैं। इसके अलावा इस संक्रमण की पहचान के लिए भी अलग से टीम और यूनिट बनाई गई हैं। साथ ही अब ब्लैक फंगस की रोकथाम के लिए सरकार ने टास्क फोर्स का गठन कर दिया है। इस टीम में स्वास्थ्य मंत्री डॉ।प्रभु राम चौधरी , चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, ACS स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान, हमीदिया अस्पताल अधीक्षक डॉ. लोकेंद्र दवे और डॉ. एस पी दुबे हैं।
नेजल एंडोस्कोपी
सरकार ने प्रदेश में ब्लैक फंगस मरीजों के लिए नेजल एंडोस्कोपी की व्यवस्था भी की है। नेशनल एंडोस्कोपी अभियान की शुरुआत की गई है। अभियान के तहत ब्लैक फंगस बीमारी की प्राथमिक स्तर पर पहचान होगी। प्रदेश के मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पतालों में मरीजों की मुफ्त में नेजल एंडोस्कोपी की जाएगी। अभियान के दौरान एंडोस्कोपी जांच के लिए जरूरी उपकरण मेडिकल कॉलेज में बढ़ाए जाएंगे। एंडोस्कोपी जांच के लिए 15 दिन का अभियान चलाया जाएगा। साथ ही मेडिकल कॉलेज में भर्ती हर एक मरीज की केस स्टडी भी जुटाई जा रही है।
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