नई दिल्ली । कर्नाटक (Karnataka)की राजधानी में बेंगलुरू (Bengaluru in the capital)में कूड़ा विवाद (Litter controversy)बढ़ता जा रहा है। उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार (Deputy Chief Minister D K Shivakumar)ने शुक्रवार को बेंगलुरु के विधायकों पर आरोप लगाया कि वह लोग कचरा संकट को लेकर सरकार को ब्लैकमेल कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि ये विधायक इस मामले को छिपाने और निपटान के लिए विकास निधि से करीब 800 करोड़ रुपए की मांग कर रहे हैं। हालांकि डिप्टी सीएम ने किसी का भी नाम नहीं लिया।
विधान परिषद में कूड़े के मुद्दे पर पार्षद एम नागराजू के सवालों का जवाब देते हुए डी के शिवकुमार ने कहा कि मैंने मीडिया में कचरे की समस्या को लेकर चल रही रिपोर्ट्स को देखा है। यहां एक बड़ा माफिया काम करता है। कचरे को हटाने वाले ठेकेदारों ने एक बड़ा गिरोह बना लिया है और जो भी उनके रेट हैं उससे 85 फीसदी तक ज्यादा बोली लगाई है। हमारी सरकार इस मामले में कार्रवाई कर रही है, उनकी इन गलत हरकतों से निपटने के लिए हमने अदालत का दरवाजा खटखटाया है।उन्होंने कहा कि कानूनी दांव-पेंचों की वजह से कचरा प्रबंधन की नीति को कारगर बनाने में देरी हो रही है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने बेंगलुरू के सभी विधायकों को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा, “हमारे बेंगलुरू के विधायक हमें ब्लैकमेल कर रहे हैं। मैं उनका नाम नहीं लेना चाहता। मैं आपको सच्चाई बता रहा हूं। वे सभी पार्टियों से हैं। वे विकास निधि के रूप में 800 करोड़ रुपये चाहते हैं। मैं यहां उनका नाम नहीं ले सकता।’’
इससे पहले डिप्टी सीएम ने अपनी योजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि शहर के कचरा निपटान कार्य को चार पैकेजों में बांटने और कचरे को शहर से 50 किलोमीटर दूर ले जाने की योजना बनाई गई थी। लेकिन कानूनों की वजह से अभी यह पूरी तरह से ठप्प पड़ी हुई है। जहां तक इस योजना में लगे वाहनों की बात है तो वह तीन दिनों से शहर से दूर महादेवपुरा में फंसे हुए हैं।
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