नई दिल्ली। डायबिटीज(diabetes) की बीमारी भारत समेत पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रही है और ये बुर्जुगों के साथ युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रही है. अच्छी बात ये है कि जैसे-जैसे इसका प्रसार हो रहा है, उतनी ही तेजी से इस पर रिसर्च भी हो रही हैं. इस बीमारी पर हाल ही हुई एक रिसर्च में सामने आया है कि एक गिलास दूध डायबिटीज के खतरे को 10 फीसदी तक कम कर सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि डेयरी प्रॉडक्ट्स(dairy products) का संतुलित मात्रा में इस्तेमाल इस बीमारी के खतरे को रोकता है. रिसर्च में पाया गया है कि दूध में कई प्रमुख पोषक तत्व(Nutrients) होते हैं जो खून में मौजूद ग्लूकोस को ऊर्जा में बदलने की क्षमता बढ़ाते हैं जिससे डायबिटीज का खतरा भी कम होता है.
डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिस पर अगर ध्यान ना दिया जाए तो ये ताउम्र लोगों को परेशान कर सकती है. इसके खतरनाक स्तर पर पहुंचने पर व्यक्ति की आंखों की क्षमता प्रभावित होती है और वो अंधा तक हो सकता है. इसके साथ ही ये जानलेवा स्ट्रोक (fatal stroke) और दिल के रोगों को भी दावत देती है. डायबिटीज खून में मौजूद ग्लूकोज का इस्तेमाल करने की शारीरिक क्षमता को प्रभावित करती है. यानी इस स्थिति में शरीर ग्लूकोस को ऊर्जा में बदलने की क्षमता खो देता है जिससे वो टाइप 2 डायबिटीज का बहुत जल्दी शिकार हो सकता है.
इंटरनेशनल डायबिटीज़ फेडरेशन (IDF) के आंकड़ों के अनुसार, पूरी दुनिया में लगभग 55 करोड़ लोग डायबिटीज का शिकार हैं. वहीं, भारत में प्रत्येक 12 लोगों में एक व्यक्ति डायबिटिक(diabetic) है. हाल के कुछ सालों में भारत में इस बीमारी के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है जिसकी सबसे बड़ी वजह गलत खानपान और जीवनशैली है.
दूध और डायबिटीज पर हुईं हैं कई रिसर्च
इटली यूनिवर्सिटी ऑफ नेपल्स(Italy University of Naples) के एक रिसर्चर का कहना है कि डेयरी उत्पाद पोषक तत्वों, विटामिन और कई बारे बायोएक्टिव कंपाउंड्स से भरपूर होते हैं जो ग्लूकोज को ऊर्जा में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. उदाहरण के लिए व्हे प्रोटीन का इस्तेमाल ब्लड शुगर के स्तर में वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए जाना जाता है. प्रोबायोटिक्स(Probiotics) का इस्तेमाल ग्लूकोज को मेटाबोलॉइज करने से जुड़ा है. दही प्रोबायोटिक्स से भरपूर होता है जिससे साफ है कि इसका नियमित सेवन टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम कम कर सकता है.”
इसके साथ ही दूध से शरीर को कैल्शियम(calcium) मिलता है जिससे हड्डियां मजबूत होती हैं और हड्डियों से जुड़े रोगों का खतरा भी कम होता है. दूध नींद की समस्या दूर करता है और दांतों को मजबूत करता है. इसके अलावा इससे शरीर को आयरन मिलता है जिससे खून की बीमारियों का खतरा कम होता है.
डायबिटीज का रिस्क कम करते हैं डेयरी प्रॉडक्ट्स
हम सभी को पता है कि डायबिटीज दो प्रकार की होती है टाइप 1 और टाइप 2. टाइप 1 डायबिटीज में इंसुलिन बनना कम हो जाता है या फिर ये पूरी तरह बंद हो जाता है. इसे काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है. जबकि टाइप 2 डायबिटीज में ब्लड शुगर का लेवल बहुत तेजी से बढ़ जाता है, इस पर काबू करना काफी मुश्किल होता है. वहीं, अगर आप लंबे समय तक कम वसा वाले डेयरी उत्पाद करते हैं तो इससे टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कम होता है.
इस दौरान डायबिटीज और रेड मीट के प्रभाव के बारे पर भी अध्ययन किया गया जिसमें शोधार्थियों(researchers) ने पाया कि हर रोज रेड मीट खाने से टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है. अगर कोई व्यक्ति हर रोज 100 ग्राम रेड मीट का सेवन करते हैं तो इससे डायबिटीज होने का रिस्क 22 फीसदी तक बढ़ सकता है. वहीं, इसकी 50 ग्राम मात्रा भी आठ से 10 फीसदी का जोखिम बढ़ा सकती है.
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के लिए है हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं. इन्हें अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.
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