उज्जैन। महाकाल मंदिर की सुरक्षा का जिम्मा अब महाराष्ट्र की क्रिस्टल सिक्युरिटी एजेंसी के पास होगा। कल बुधवार की शाम महाकाल मंदिर प्रशासन ने क्रिस्टल एजेंसी के नाम को तय कर दिया है और यह एजेंसी एक अप्रैल से मंदिर की सुरक्षा करने का काम शुरू कर देगी। बता दें कि मंदिर की सुरक्षा की व्यवस्था अभी तक केएसस कंपनी के पास था लेकिन अब मंदिर प्रशासन ने नई एजेंसी को यह जिम्मा सौंप दिया है। मंदिर के अधिकारियों ने बताया कि मंदिर प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था का ठेका लेने के लिए निविदा आमंत्रित की थी और इसमें देश भर की कुल 9 कंपनियों ने हिस्सा लिया था लेकिन शर्त यह थी कि जिस कंपनी का सालाना टर्न ओवर चार सौ करोड़ से अधिक होगा उसे ही मंदिर की सुरक्षा का काम सौंपा जाएगा।
बताया गया है कि मंदिर प्रशासन ने प्रथम दृष्टि में ही क्रिस्टल एजेंसी को पसंद कर लिया था क्योंकि जो शर्त प्रशासन की थी उस पर यह कंपनी पूरी तरह से खरी उतर रही थी। मंदिर प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि नई ठेका कंपनी एक अप्रैल से सुरक्षा व्यवस्था संभालने का काम करेगी और चौबीस घंटे तक इस कंपनी के करीब पांच सौ से अधिक सुरक्षाकर्मियों की तैनाती रहेगी। मंदिर प्रशासन इस कंपनी को दिशा निर्देश प्रदान करेगा। अधिकारियों ने बताया कि अभी जिस एजेंसी को सुरक्षा का भार सौंपा गया है उसके पास मध्यप्रदेश का पसारा लायसेंस नहीं है, जिसे प्राप्त करने के लिए एजेंसी के प्रमुखों को कहा गया है और इसके लिए समय दे दिया गया है। हालांकि इसके पहले ही एजेंसी एक अप्रैल से अपना काम शुरु कर देगी। बता दें कि जिस एजेंसी को सुरक्षा का भार सौंपा गया है उसके द्वारा देश के प्रमुख संस्थानों के साथ ही कुछ फिल्म अभिनेताओं के बंगलों की भी सुरक्षा की जाती है। मंदिर प्रशासन ने यह नया ठेका दो वर्षों के लिए दिया है। गौरतलब है कि बीते दो वर्षों से ठेका बदलने की कवायद मंदिर प्रशासन द्वारा की जा रही थी।
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