लखनऊ । करीब डेढ़ दशक बाद (One and a half decade) इस साल पश्चिमी उप्र (UP) के बिजनौर, अमरोहा, संभल और मुरादाबाद के 168 गांवों के करीब 15 लाख किसानों (Farmers) की आस पूरी होगी। इन जिलों के 12 ब्लाकों की करीब 1.47 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त जमीन को सींचने वाली मध्य गंगा नहर (Madhya Ganga canal) परियोजना (Project) इस साल पूरी (Complete) हो जाएगी। इससे नहर के अधिग्रहण क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों में खरीफ और रबी का रकबा बढ़ेगा। आच्छादित होने वाले 12 ब्लाकों में से 11 डार्क जोन में आते हैं। नहर के पानी से डार्क जोन ब्लाकों का भूगर्भ जल स्तर सुधरेगा। इससे नलकूपों की भी सिंचाई क्षमता बढ़ेगी। सिंचाई की लागत घटने से किसानों की आय बढ़ेगी।
वर्ष 2007-08 में शुरू हुई उक्त परियोजना की मूल लागत 806.50 करोड़ रुपये थी। पिछली सरकारों द्वारा पर्याप्त पैसा और समय से भू अधिग्रहण में देरी के साथ इसकी लागत भी बढ़ती गयी। मौजूदा समय में इसकी पुनरीक्षित लागत करीब पांच गुना से अधिक बढकर 4417.21 करोड़ रुपये हो गयी। मार्च 2021 तक इसमें से 3403.35 करोड़ रुपए खर्च किये जा चुके हैं।
परियोजना का करीब 68 फीसद काम पूरा हो चुका है। 3218 हैक्टेयर में से 2755. 46 हेक्टेयर भूमि खरीदी जा चुकी है। 1242 किमी प्रस्तवित नहरों में से 480 किमी का काम पूरा हो चुका है। अबतक 2022 पक्के कार्यों में से 666 कार्य पूरे हो चुके हैं।
वैश्विक महामारी कोरोना की बड़ी बाधा के बावजूद परियोजना को पूरा करने के लिए युद्ध स्तर पर काम जारी है। विभाग ने इस साल इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इस परियोजना सेसंभल की 71 हजार, अमरोहा की 59 हजार और मुरादाबाद की 16500 हैक्टेयर भूमि सिंचित होगी।
सिंचाई विभाग के पश्चिम कमांड में यह पहली नहर प्रणाली होगी। इससे खरीफ और रबी की दोनों फसलों को लाभ होगा। इसमें 1.46 लाख हेक्टेयर खरीफ की अतिरिक्त फसल सिंचित होगी। इसमें से .79 हेक्टेयर रकबा धान का होगा। उल्लेखनीय है कि सरकार ने इस वर्ष 20 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता के विस्तार का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए उसका जोर सरयू नहर और अर्जुन सहायक आदि वर्षों से अधूरी पड़ी परियोजनाओं को इस साल पूरा करने पर है।
योगी सरकार के जलशक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह ने बताया, ” मध्य गंगा परियोजना से करीब डेढ़ लाख हेक्टेयर भूमि सिंचिंत की जाएगी। इससे चार जिले बिजनौर, अमरोहा, संभल और मुरादाबाद को लाभ मिलेगा। पश्चिमी यूपी में कई ब्लाकों में जलस्तर बहुत घटा है। इस परियोजना से वाटर रिचाजिर्ंग होगी। लोगों को पीने का पानी भी मिलेगा। इस परियोजना का शत प्रतिशत कार्य मुख्यमंत्री योगी के कार्यकाल में शुरू हो रहा है और आगे बढ़ रहा है।”
ज्ञात हो कि सरकार ने इस वर्ष 20 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता के विस्तार का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए उसका जोर सरयू नहर और अर्जुन सहायक आदि वर्षों से अधूरी पड़ी परियोजनाओं को इस साल पूरा करने पर है।
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