श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में बन रही दो नई सुरंगें (two new tunnels) सैलानियों और सेना के लिए रास्ते आसान करेंगी। इससे से जम्मू से कश्मीर घाटी के लिए नया वैकल्पिक मार्ग भी मिलेगा। माना जा रहा है कि सिंघपोरा-वायलू टनल परियोजना (Singhpora-Vayalu Tunnel Project) के तहत बनाई जा रही इन दोनों सुरंगों का निर्माण इसी साल शुरू हो जाएगा।
हर मौसम में सड़क संपर्क बनाए रखने के लिए प्रस्तावित इस परियोजना को पांच साल में पूरा किया जाना है। राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम (एनएचआईडीसीएल) की ओर से भेजी गई डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) को सरकार ने पहले ही मंजूरी दे दी है। एनएचआईडीसीएल ने टनल निर्माण के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धी बोलियों की अंतिम तारीख 29 सितंबर है।
परियोजना से स्थानीय लोगों समेत देश-विदेश से आने वाले सैलानियों को लाभ मिलेगा। इससे अर्थव्यवस्था सुधरेगी। साथ ही सामरिक दृष्टि से सेना और सैन्य वाहनों की बॉर्डर कनेक्टिविटी बेहतर होने से आवागमन तेज होगा।
दो ट्यूब टनल का निर्माण
विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सिंघपोरा-वायलू परियोजना में 10.363 किलोमीटर लंबी दो ट्यूब टनल का निर्माण होना है। पहले टनल परियोजना को पीपीपी मोड में बनाने का प्रस्ताव था, लेकिन अब इसे ईपीसी मोड यानी सरकारी धन से बनाया जाएगा।
150 किलोमीटर का सफर आसान होगा
जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बारिश और बर्फबारी के चलते भूस्खलन की आशंका रहती है। बारिश के मौसम में इसकी संभावना कई गुना बढ़ जाती है। भूस्खलन से राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात बाधित हो जाता है। साथ ही सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। लेकिन, यह टनल परियोजना राजमार्ग के विकल्प के तौर पर काम करेगी। यह किश्तवाड़ को कश्मीर के अनंतनाग से सड़क मार्ग के जरिए 12 महीने जोड़े रखेगी।
सर्दी के मौसम में भारी बर्फबारी के दौरान जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने के बावजूद वाहन आसानी से कश्मीर पहुंच सकेंगे। किश्तवाड़-अनंतनाग के बीच की दूरी लगभग 150 किलोमीटर है। यह सफर आसान हो जाएगा।
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