पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग की तारीखों का एलान पिछले हफ्ते ही हो गया है, लेकिन कौन सी पार्टी किसके साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी और कौन कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा यह भी अभी तय नहीं हो पाया है। सीट बंटवारे को लेकर एनडीए और विपक्षी गठबंधन दोनों ही जगह घमासान मचा हुआ है। इस बीच एनडीए में सीटों के बंटवारे पर सहमति बनते दिख रही है। बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर सीट बंटवारे पर नई दिल्ली में भाजपा की लंबी बैठक हुई।
बैठक के बाद भाजपा के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव ने कहा कि बिहार में भाजपा, जदयू और लोजपा साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। इसके साथ ही जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा भी एनडीए के साथ रहेगी। जल्द ही सीटों के बंटवारे पर बात बन जाएगी। उन्होंने कहा कि बिहार में एनडीए का गठबंधन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में मजबूती से चुनाव में उतरेगा। एक-दो दिनों में सीट बंटवारे को लेकर बातचीत की प्रक्रिया पूरी हो जायेगी। जिसे जितनी सीट मिलेगी वह उतने पर ही चुनाव लड़ेगा।
यादव ने कहा कि बिहार में एनडीए तीन चौथाई बहुमत के साथ एनडीए की सरकार बनेगी। नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बनेंगे। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता हमारे साथ है और आने वाले दो-तीन दिन हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं। जल्द ही गठबन्धन की ओर से सीट बंटवारे का ऐलान कर दिया जाएगा। बैठक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, अमित शाह, बीएल संतोष और देवेंद्र फडणवीस के अलावा प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल, संगठन मंत्री नागेन्द्र, सुशील कुमार मोदी, मंगल पांडे, नित्यानंद राय, राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री सौदान सिंह मौजूद थे।
लोजपा के चलते फंसा है पेंच, 27 नहीं, 36 सीट चाहिए
बिहार चुनाव को लेकर एनडीए में सीट बंटवारे का पेंच अभी तक फंसा ही हुआ है। लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) भाजपा के प्रस्ताव को स्वीकारने के मूड में नहीं दिख रही। लोजपा को भाजपा का 27 सीटों का ऑफर पसंद नहीं आया। वह कम से कम 36 सीटों पर अड़ी हुई है। इसके अलावा उसकी नजर विधानपरिषद की दो सीटों पर भी है। पार्टी ने यह साफ कर रखा है का पार्टी प्रमुख चिराग पासवान अपनी पार्टी की तरफ से विधानसभा की 143 सीटों पर उम्मीदवार उतारने जा रहे हैं। इतने के बावजूद अब तक के चिराग पासवान को लेकर भाजपा ने उम्मीद नहीं छोड़ी है। भाजपा की ओर से लोजपा को मनाने की कोशिश जारी है। पार्टी नहीं चाहती कि सीट शेयरिंग को लेकर हो रहे विवाद के कारण उसका पुराना साथी गठबंधन से बाहर जाए। (एजेंसी, हि.स.)
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