हरिद्वार। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक (RSS) मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) का हिंदू समाज को लेकर बयान चर्चा में है. अब देश के दो बड़े संतों का रिएक्शन आया है. तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा, मैं मोहन भागवत के बयान से बिल्कुल सहमत नहीं हूं. मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि मोहन भागवत हमारे अनुशासक नहीं हैं. बल्कि हम उनके अनुशासक हैं।
वहीं ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान को गलत बताया है जिसमे उन्होंने कहा था की हर जगह मंदिर ढूंढ़ने की इजाजत नहीं दी सकती है. शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि, अतीत में हिन्दू समाज के साथ बहुत अत्याचर हुआ है और हिन्दुओं के धर्मस्थलों को तहस नहस किया गया है. इसलिए अगर अब हिन्दू समाज अपने मंदिरो का पुनः उद्धार कर उन्हें पुनः संरक्षित करना चाहता है तो इसमें गलत क्या है. अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि, अतीत मे आक्रांताओं द्वारा तोड़े गए मंदिरों की सूची बनाकर उनका एएसआई से सर्वेक्षण कराया जाना चाहिये.
अविमुक्तेश्वरानंद ने की बांग्लादेश हिंसा की निंदा
शंकराचार्य ने बांग्लादेश मे हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार की निंदा करते हुए कहा कि, भारत मे अवैध रूप से प्रवास कर रहे 8 करोड़ बांग्लादेशियो को लेकर केंद्र सरकार को कड़े कदम उठाते हुए वापस बांग्लादेश भेजना चाहिए. जब 8 करोड़ बांग्लादेशी वापस अपने देश मे जायेंगे, तब उनके बोझ से बांग्लादेश की अक्ल ठिकाने आएगी. गौरतलब है कि ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने सरस्वती हरिद्वार दौरे पर थे जहां उन्होंने उक्त बातें मीडिया से रूबरू होते हुए कही है. इसके अलावा उन्होंने कई मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
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