प्रारूप प्रकाशन के साथ 30 दिन में जमीन मालिकों से बुलवाए दावे और आपत्तियां, 19.6 किलोमीटर लम्बाई के कॉरिडोर में 300-300 मीटर तक अधिगृहीत करेंगे जमीन
इंदौर। शासन की मंजूरी के बाद मध्यप्रदेश इंडस्ट्रीयल डवलपमेंट कार्पोरेशन (Madhya Pradesh Industrial Development Corporation) ने 3200 एकड़ की प्रस्तावित इंदौर-पीथमपुर कॉरिडोर योजना (Indore-Pithampur Corridor Scheme) का प्रारुप घोषित कर दिया है। 30 दिन में किसानों-जमीन मालिकों के दावे-आपत्ति-सुझाव आमंत्रित किए गए हैं। 1400 करोड़ की राशि इस कॉरिडोर को विकििसत करने में खर्च की जाएगी। 19.60 किलोमीटर लम्बे इस इकोनॉमिक कॉरिडोर (Economic Corridor) में दोनों तरफ 300-300 मीटर की निजी जमीनों का अधिग्रहण किया जाएगा। इस कॉरिडोर के बनने से इंदौर एयरपोर्ट (Indore Airport) से पीथमपुर (Pithampur) मात्र 15 मिनट में पहुंचा जा सकेगा, तो आगरा-मुंबई नेशनल हाईवे के साथ इंदौर-अहमदाबाद भी जुड़ जाएगा। इसमें 500 करोड़ रुपए की राशि भू-अर्जन के लिए रखी गई है। डाटा सेंटर, आईटी, होटल सहित आवासीय व अन्य गतिविधियां इस पूरे कॉरिडोर पर भविष्य में आएंगी।
पिछले दिनों शिवराज कैबिनेट (Shivraj Cabinet) ने रतलाम के साथ-साथ इंदौर-पीथमपुर इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी थी, जिसके चलते एमपीएसआईडीसी ने आज प्रारुप का प्रकाशन करने की सूचना जाहिर की है। 1290.74 हेक्टेयर यानी लगभग 3200 एकड़ जमीन इस 19.60 किलोमीटर लम्बे कॉरिडोर में अधिग्रहित की जाना है, जिसमें नैनोद, कोडिर्यावर्डी, नावदापंथ, सिंहासा, सिंदौड़ी, शिवखेड़ा, डेहरी, सोनवाय से लेकर दूसरी तरफ रीजलाया, बिसनावदा, श्रीराम तलावली, सिंदौड़ा, बगोदा, भैंसलाय, धन्नड़ और टीही सहित अन्य गांवों की जमीनें आ रही है। इंदौर के साथ-साथ महूके भी कुछ गांव इस कॉरिडोर की प्लानिंग में शामिल किए गए हैं। एमपीएसआईडीसी के एमडी रोहन सक्सेना के मुताबिक इस कॉरिडोर पर होटल, आईटी, फिन्टैक सिटी, डाटा सेंटर, लॉजिस्टिक पार्क, कमर्शियल कॉम्प्लेक्स, ट्रैनिंग सेंटर, इंटरटेनमेंट पार्क, रेडिमेड गारमेंट कॉम्प्लेक्स, फिल्म इंडस्ट्रीज, मल्टीमीडिया, सॉफ्टवेयर टैक्नोलॉजी पार्क, इलेक्ट्रॉनिक कॉम्प्लेक्स के साथ-साथ भविष्य में मेट्रो लाइन और अन्य टर्मिनल की भी सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। इसमें औद्योगिक बड़े आकार के भूखंडों के साथ-साथ 20 हजार से अधिक आवासीय भूखंड भी रहेंगे और 15 हजार करोड़ रुपए से अधिक का निवेश आएगा और 25 हजार लोगों को रोजगार हासिल होगा। शासन की मंजूरी के बाद एमपीएसआईडीसी ने इस इकोनॉमिक कॉरिडोर के लिए योजना घोषित कर प्रारुप प्रकाशन कर दिया है, ताकि 30 दिनों में जमीन मालिकों के दावे-आपत्तियों और सुझावों को लिया जा सके।
20 फीसदी राशि नकद और 80 फीसदी के बदले मिलेंगे भूखंड
शासन ने इसके लिए जो फार्मूला तय किया है उसमें 20 फीसदी राशि किसानों या अन्य जमीन मालिकों को नकद दी जाएगी। वहीं शेष 80 प्रतिशत जमीन के बदले विकसित भूखंड मिलेंगे। जिस तरह प्राधिकरण ने भी अपनी योजनाओं में शामिल जमीन मालिकों को 20 से 30 फीसदी तक विकसित भूखंड दिए हैं। उसी तरह इकोनॉमिक कॉरिडोर में 20 फीसदी नकद राशि के लिए लगभग 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
लॉजिस्टिक हब के साथ रतलाम इन्वेस्टमेंट रीजन भी घोषित
इंदौर-पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर के साथ ही शासन ने रतलाम इन्वेस्टमेंट रीजन-2 भी पिछले दिनों मंजूर किया, उसका भी प्रारुप प्रकाशन एमपीआईडीसी ने कर दिया है। इसमें शामिल जमीन मालिकों से भी 30 दिन में दावे-आपत्तियां आमंत्रित की गई हैं। रतलाम इन्वेस्टमेंट रीजन के साथ ही मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब प्रोजेेक्ट पर भी काम किया जा रहा है, जिसके लिए 240 एकड़ जमीन के लिए नोटिफिकेशन किया गया है।
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