इंदौर। धर्मस्थल (Shrine) की मर्यादा के नाम पर जिस गोपाल मंदिर (Gopal Mandir) से वर्षों पुराने किरायेदारों (Tenants) को बेदखल कर दिया गया, उसी गोपाल मंदिर को कमाई का साधन (Source of income) बनाते हुए न केवल किराये पर दे दिया गया, बल्कि मंदिर में स्थित राधा-कृष्ण प्रतिमा के सामने ही जहां भक्त बैठते हैं, वहां शादी का मंडप बना दिया गया। शहर का हर अधिकारी जहां इस शादी की इजाजत देने से इनकार कर रहा है, वहीं पूरे मंदिर में दो दिनों से शादी की सजावट चलती रही। पुजारियों से लेकर भक्तों तक ने विरोध करते हुए आपत्ति ली, लेकिन इजाजत का दम भरते परिवार ने पूरे मंदिर पर अपना कब्जा बनाए रखा।
मंदिर में शादी… राजबाड़ा की सडक़ पर कब्जा…
हिमाकत यह है कि गोपाल मंदिर के इमामबाड़ा साइड वाले हिस्से पर शादी के आयोजकों ने टेंट लगाकर सडक़ को भी बंद कर दिया है। वहीं मंदिर परिसर में ही भोजन निर्माण की व्यवस्था की जा रही है। मंदिर में ही आयोजक शादी का भोजन करेंगे। मंदिर के दो कॉरिडोर में से एक कॉरिडोर मेहमानों के बैठने के लिए आरक्षित किया गया है। यातायात एवं शादी की व्यवस्था के लिए 10 बाउंसर भी रखे गए हैं। वहीं पार्किंग के लिए कृष्णपुरा स्थित पार्किंग व्यवस्था की गई है। आयोजकों का कहना है कि पार्किंग भी उन्होंने किराये से ले रखी है। हद तो यह है कि राजबाड़ा से गोपाल मंदिर की और जाने वाले मार्ग पर स्थित बांके-बिहारी मंदिर पर पार्किंग के लिए वेलेट टेबल लगाई गई है,
मुझे विवाह समारोह के लिए गोपाल मंदिर परिसर किसी परिवार को दिए जाने के मामले में कोई जानकारी नहीं है। मंदिर व्यवस्था स्मार्ट सिटी द्वारा देखी जाती है। उनके द्वारा ही कोई निर्णय लिया होगा। -दीपकसिंह,संभागायुक्त इंदौर
मंदिर परिसर की व्यवस्था नगर निगम एवं संभागायुक्त कार्यालय द्वारा देखी जाती है। प्रशासन द्वारा इजाजत नहीं दी गई। – आशीष सिंह, कलेक्टर इंदौर
संभागायुक्त कार्यालय के माफी ऑफिसर विनोद राठौर द्वारा इजाजत दी गई। -कौशल , मैनेजर गोपाल मंदिर
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