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बेगानी जीत पर भारत दीवाना

November 07, 2024

अमेरिका में जीत ट्रम्प रहे हंै… और बावले हम हुए जा रहे हैं… ट्रम्प से अपना रिश्ता समझ ही नहीं पा रहे हैं… ट्रम्प ऐसा कारोबारी है, जो केवल फायदे का कायदा जानता है… भारत से प्रेम केवल भारतीय प्रवासियों के वोट के लिए जताता है… वो जानता है मोदी भारत के ट्रम्प के इक्के हैं… उनसे प्रेम जताएंगे तो सारे भारतीय अपने हो जाएंगे… इधर मोदीजी भी मानते हैं कि ट्रम्प से गलबहियां बढ़ाएंगे तो चीन और पाकिस्तान दोनों अस्तबल में नजर आएंगे… कुल मिलाकर इस रिश्ते के यह मायने हैं कि पहलवान के कांधे पर हाथ रखो तो अखाड़ा अपना हो जाता है… ट्रम्प अमेरिका के खलीफा हैं तो मोदी भारत के… इसीलिए दोनों ही एक-दूसरे के कांधे पर हाथ रखकर अखाड़े की माटी माथे लगा रहे हैं… हम इस गलबहिया में यह भूले जा रहे हैं कि अमेरिका में भारतवंशी हार गई और अंग्रेज गोरा जीत गया… वैसे भी हम कमला हैरिस में से कमला को अपना मान रहे हैं तो हैरिस को अंग्रेज… इसलिए बनियागीरी इसी में थी कि दो मिजाज की कश्ती में सवार होने के बजाय तैरती कश्ती को अपने मिजाज में ढाला जाए… वैसे भी ट्रम्प और मोदी एक-दूसरे की जरूरत जानते हैं… जब अमेरिका में पिछले चुनाव थे तो मोदी ने भारतवंशियों का मजमा लगाया और ट्रम्प को इक्का बनाया… ट्रम्प ने भी यह एहसान हाथोहाथ चुकाया और भारत के राज्यों के चुनावों के चलते कोरोना को धता बताकर अहमदाबाद आकर मोदी को ताकतवर बनाया… वैसे भी अमेरिका में ट्रम्प हों या बायडेन, बुश हों या ओबामा दुश्मन के दुश्मन को दोस्त बनाते हैं और दोस्त के दोस्त से दोस्ती बढ़ाते हैं… इसी तर्ज पर भारत-अमेरिका की दोस्ती चीन से दुश्मनी की वजह से पली-बढ़ी है… लेकिन रूस से भारत की दोस्ती के चलते अमेरिका से दूरी भी बनी है… हम रूस को छोड़ नहीं सकते…भारत-पाक युद्ध के वक्त रूसी बेड़े से मिली मदद को भूल नहीं सकते… लेकिन बदले परिदृश्य में मोदी को रूस का साथ भी चाहिए और अमेरिका का हाथ भी… यूक्रेन पर दया भी चाहिए और फिलिस्तीनियों से दूरी भी… इन सभी वजहों को जहन में रखकर हम ट्रम्प पर अपनी ताश लुटा रहे हैं… लेकिन इस बात से बेखबर नजर आ रहे हैं कि लडख़ड़ाते कदमों से 82 साल के बायडेन रुखसत होंगे और जिंदगी के बचे-खुचे लम्हों का लुत्फ उठाने के लिए ट्रम्प अपना रुतबा बताएंगे… दुनिया के कुछ देशों के लिए बूढ़ों की यह सियासत कहीं खुशगवार होगी तो कहीं चिंताओं की बयार होगी… इस दहलीज पर भारत को इसीलिए संतोष होगा कि ट्रम्प को प्रधानमंत्री मोदी ने साध रखा है और रिश्तों का बंधन बांध रखा है… इस दोस्ती, हमदर्दी और अपनेपन का एहसास तब नजर आया जब हिन्दुओं पर अत्याचार को लेकर चलते चुनावों के बीच ट्रम्प ने बांग्लादेश को चेताया… उनकी यह तरफदारी काम कर गई और अमेरिका में बसे भारतीयों की मुहर उनके समर्थन पर लग गई… इसलिए हम बेगानी जीत में दीवाने हुए जा रहे हैं….

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इन्दौर की घटना: विवाद के बाद बेटे ने की मां की हत्या

Thu Nov 7 , 2024
हमले के बाद जैसे ही पुलिस पहुंची तो भाग गया आरोपी, बहू ने दर्ज करवाया केस इंदौर। पत्नी से विवाद के समझौते के दौरान रात को एक बेटे ने अपनी मां पर चकले से हमला कर दिया। उसने पत्नी पर भी हमला किया था। घटना में मां की मौत हो गई। हमला करने वाला बेटा […]
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