नई दिल्ली (New Delhi)। “फैट” शब्द के कई मतलब है। बॉडी फैट और डाइटरी फैट (Body fat and Dietary fat) के बीच अंतर होने के बावजूद कई सालों से लोगों को सामान्य रूप से बताया जा रहा है कि यह दोनों खराब हैं, पर यह बात ज्यादातर लोग नहीं जानते कि सभी फैट्स खराब नहीं होते हैं। उदाहरण के लिए ओमेगा-3 (Omega 3) फैटी एसिड्स, जो पॉलिसेचुरेटेड फैट का एक प्रकार है, यह हमारे दिल, मस्तिष्क, संक्रमण शक्ति के लिए तो अच्छे हैं ही, और अगर कुल मिलाकर देखा जाए तो यह मृत्यु दर पर भी अंकुश रखते हैं। ओमेगा-3 फैटी एसिड्स तंत्रिका-तंत्र और हमारे रक्त प्रवाह के माध्यम से शरीर में पोषक तत्वों का स्थानांतरण सुनिश्चित करता है। अब जब आवश्यक फैट्स हमारे शरीर और दिमाग के लिए बहुत जरूरी है तो हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि शरीर अपने आप इन्हें पोषक तत्वों में नहीं बदल सकता। केवल एक तरह से हम शरीर की रोजाना फैटी एसिड्स की जरूरत को पूरा कर सकते हैं। इसके लिए जरूरी हैं कि उन खाद्य पदार्थों को खाएं या उन ड्रिंक्स का सेवन करें, जिसमें ओमेगा-3 काफी मात्रा में पाया जाता है।
पेड़ पर मिलने वाला एकमात्र ड्राईफ्रूट है, जो अल्फा-लिनोलेनिक एसिड का अच्छा स्त्रोत है
ओमेगा-3 के तीन मुख्य प्रकार हैं-अल्फा लिनोलेनिक एसिड(एएलए), जो पौधों से मिलने वाले भोजन में मिलता है, इकोसैंपेटेनोइक एसिड (ईपीए) और डोकोसाहेक्साइयोनिक एसिड (डीएचए), यह फैट मछली में पाया जाता है। अखरोट पेड़ों पर पाया जाने वाला एकमात्र ऐसा नट है, जो पौधों से मिलने वाले ओमेगा-3 का बेहतरीन स्रोत है। मुट्ठी भर अखरोट (28 ग्राम) से हमारे शरीर को 2.5 ग्राम एएलए हासिल होता है। अब जब भारत की अधिकतर आबादी शाकाहारी है, अपने आहार में ओमेगा-3 एएलए को शामिल करने का सबसे अच्छा तरीका अखरोट से इसकी शुरुआत करना है। मुट्ठी भर अखरोट में वह पोषक तत्व होते हैं, जिन्हें पौधों में मिलने वाले ओमेगा-3 की वजह से इन्हें रोजाना खाने की सिफारिश की जाती है। (1.6 ग्राम अखरोट रोजाना पुरुषों के लिए जरूरी है और 1.1 ग्राम अखरोट रोजाना महिलाओं के लिए जरूरी है)।1
अखरोट से दिल की सेहत अच्छी रहती है
अपने दिल की देखभाल करना बहुत जरूरी है। डाइट से हम दिल के रोग के जोखिम को नियंत्रित कर सकते हैं। इसके लिए अखरोट और अच्छे फैट्स देने वाले आहार काफी स्मार्ट और बेहतर पसंद हैं। अखरोट को हमेशा से ही दिल के लिए स्वस्थ आहार2 के रूप में पहचाना गया है। इस संबंध में कई दशकों से चली आ रही रिसर्च से यह पता चलता है कि अखरोट खाने से किस तरह दिल की सेहत से जुड़े कई कारक, जैसे कोलेस्ट्रोल, ब्लड प्रेशर, सूजन और रक्त वाहिकाओं की कार्य प्रणाली पर प्रभाव पड़ता है।
दिमाग की सेहत के लिए अच्छे हैं
अखरोट का आकार दिमाग की तरह होता है। इससे पता चलता है कि दिमाग और इस तरह के नट्स का आपस में गहरा संबंध है। रिसर्च से पता चलता है कि अखरोट केवल मूड ही नहीं बदलते, बल्कि इससे हमारी याददाश्त3,4 भी तेज होती है। पौधों से मिलने वाला ओगेमा-3 तनाव और शरीर की सूजन को कम करता है, तनाव और शरार की सूजन से व्यक्ति के किसी बात का संज्ञान5 लेने की क्षमता कम होती है।
अखरोट खाने से आपके शरीर का वजन नहीं बढ़ता
अखरोट हमारे शरीर के वजन और उनकी सरंचना पर नकारात्मक प्रभाव नहीं डालता। दरअसल अगर अखरोट को रोजाना अपनी डाइट में शामिल किया जाए तो यह आदर्श वजन को हासिल करने में अपनी भूमिका निभा सकते हैं। आप पूछ सकते हैं, कैसे? ओमेगा-3 और अखरोट में मौजूद पोषक तत्व लेने से दिन भर आपका पेट भरा हुआ महसूस होता है और आपको खाने में दूसरी गैरजरूरी चीजों को खाने की जरूरत नहीं पड़ती। अखरोट की भूख को नियंत्रित करने की शक्ति अप्रत्यक्ष रूप से आदर्श वजन को बरकरार रखने में बड़ी भूमिका निभाती है।6
तरह-तरह से पकाया जा सकता है
कोई भी व्यक्ति जितना सोच सकता है, उससे कहीं ज्यादा बेहतर तरीके से वह अखरोट को अपने रोजाना की डाइट में शामिल कर सकता है। अखरोट को मीट के विकल्प के रूप में खाया जा सकता है। अखरोट का मक्खन बनाया जा सकता है। इसे आप अपनी ब्रेड या रोटी पर लगा सकते हैं। इसे आटे की तरह पीसकर मैदे के विकल्प के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। इसे सलाद में फ्राइड ब्रेड के कुरकुरे टुकड़े की जगह इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे आपको सलाद में कुरकुरा स्वाद मिलेगा।
अभी भी बहुत से लोगों को इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन अखरोट को एक पेस्ट के रूप में पीसा जा सकता है। इसे करी या सूप को गाढ़ा करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। अगर अब भी आप अखरोटों की विविधता के प्रति आश्वस्त नहीं है तो आप इसे छोटे टुकड़ों में काटिए और बेकिंग से पहले इसके मिक्सचर को मीट पर लपेट दीजिए। इस तरह आपके खाने का स्वाद बढ़ जाएगा और नए नए फूड आटम्स बनाने की अनोखी कला का जादू सामने आएगा।
स्वाद और बनावट का बादशाह !
अखरोट के स्वाद और बनावट को कम मत आंकिए। कुछ अखरोट को मुंह में रखकर चबाइए। इसके साथ ही आपकी जुबान पर इसका बेहतरीन स्वाद घुल जाएगा। कुरकुरे अखरोट खाने के बाद एक अच्छा क्रीम सा स्वाद हमारे मुंह में आता है। अखरोट की एक विशेषता य़ह है कि अखरोट का अपना स्वाद तो लाजवाब है। इसके अलावा यह किसी भी फूड आइटम्स के साथ मिलकर उसके स्वाद को बदल देते हैं। केले, चॉकलेट, दालचीनी या खजूर के साथ भी इसकी जोड़ी काफी अच्छी बनती है।
अपनी रोजाना के लिए जरूरी फैटी एसिड्स की जरूरत को पूरा करने के लिए दूसरे ओमेगा-3 से भरपूर खाद्य पदार्थों की जगह अखरोट को खाने के ये कुछ कारण है। अगर आप हमारे साथ सहमत हैं तो ‘पावर ऑफ 3’ के कैंपेन से जुड़ें, जो लोगों को ओमेगा-3 से संबंधित जानकारी शेयर करने और अपने प्रियजनों को इसका महत्व बताने के लिए प्रोत्साहित करता है। ये एक स्वस्थ और खुशहाल समुदाय के निर्माण का उनका तरीका है।
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