नई दिल्ली (New Delhi)। दुनियाभर में डायबिटीज (Diabetes) के मरीज बढ़ते जा रहे हैं. हालांकि, बहुत कम लोग जानते हैं कि हमारे शरीर में ब्लड शुगर (blood sugar) लेवल बढ़ता रहता है, लेकिन शरीर में हेल्दी इंसुलिन इसके लेवल को अपने आप एडजस्ट करते रहते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हमारा लीवर हमारे शरीर को दिन के लिए तैयार करने और इसे ज्यादा एक्टिव बनाने के लिए ब्लड शुगर (blood sugar) बनाता है।
सुबह उठने के बाद शरीर में होने वाली बहुत सारी एक्टीविटी बॉडी के हेल्दी और अनहेल्दी होने का लक्षण होती है। जिन पर ध्यान दिया जाए तो काफी सारी बीमारियों का समय रहते पता लगाया जा सकता है। इन बीमारियों में डायबिटीज भी शामिल है। डायबिटीज की बीमारी इंसुलिन रेजिस्टेंस की वजह से हो जाती है। जिसका पता सुबह के समय आसानी से लगाया जा सकता है। अगर आपकी बॉडी में इस तरह के लक्षण दिख रहे हैं तो फौरन डायबिटीज का टेस्ट करवा लें। जिससे पता चल सके।
मुंह का सूखापन (पानी पीने के बाद भी प्यास लगती है)
गला सूखना
पेशाब लगना( जबकि रातभर कई बार यूरिनेशन के लिए गए हों)
धुंदळापन
कमजोरी लगना
बहुत तेजी से भूख लगना
डायबिटीज में दिखने लगते हैं ये लक्षण
बहुत सारे लोगों को डायबिटीज का चेकअप कराने से पहले ही ऊपर लिखे लक्षण दिखने लगते हैं। साथ ही ये लक्षण भी दिखने लगते हैं।
स्किन में बार-बार फंगल इंफेक्शन हो जाना
फोड़ा या फुंसी हो जाना
थकान लगना
नींद आना
बहुत ज्यादा प्यास लगना
इसके अलावा दिखते हैं ये संकेत
कमजोरी, भूख लगना और आंखों में धुंधलेपन के साथ ही डायबिटीज में ये लक्षण भी दिखते हैं। जिन्हें देखने के बाद समय रहते डायबिटीज का चेकअप करवाकर सही दवाओं और परहेज को जरूर शामिल कर लें।
स्किन ड्राई होना
घाव का जल्दी ना भरना
बहुत ज्यादा प्यास
बालों का झड़ना
बार-बार इंफेक्शन हो जाना
उल्टी होना
चक्कर आना
पेट में दर्द
उल्टी महसूस होना शामिल हैं।
सभी को हो सकता है डायबिटीज
गौरतलब है कि डायबिटीज एक तरह का मेटाबोलिक डिसऑर्डर है, जहां हमारा शरीर पर्याप्त रूप से इंसुलिन नहीं बनाता है या इसका ठीक से उपयोग नहीं कर पाता है। इसका नतीजा ये होता है कि बढ़ा हुआ शुगर लेवल हमारे शरीर के लिए खतरनाक हो सकता है। जिसकी वजह से ये गुर्दे, स्किन, दिल, आंखों और पूरे शरीर को प्रभावित कर सकता है. हालांकि, डायबिटीज से सबको बचने की सलाह दी जाती है। ये किसी को भी हो सकता है. फिर चाहे वह बच्चा हो, किशोर हो या युवा वयस्क हो, ये लोग टाइप 1 डायबिटीज से ज्यादा प्रभावित होते हैं, जबकि टाइप 2 डायबिटीज से 40 से ज्यादा उम्र के लोग प्रभावित होते हैं।
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