वाशिंगटन। आठ साल पहले मकान का किराया देने के लिए पैसे नहीं थे, लेकिन बगैर पुख्ता सुबूत के मशहूर लोगों की पोल खोलने का सनसनीखेज दावा (Sensation Claims) करने और फिर शॉर्ट सेलिंग (Short Selling) से अरबों कमाने वाली फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च (Firm Hindenburg Research) के संस्थापक नैट एंडरसन (Founder Nate Anderson) बिना कारण बताए एकाएक अपनी कंपनी को बंद करके एक बार फिर से सुर्खियों में आ गए हैं।
बात करीब आठ वर्ष पहले की है, जब एक युवा अमेरिका के मैनहट्टन में एक छोटे-से अपार्टमेंट में रहता था, जिसका किराया वहन करना भी उसके लिए मुश्किल था। मकान-मालिक की किच-किच से तंग आकर एक दिन उसने सोचा कि आखिर अमीर कैसे बना जा सकता है? उसके तेज दिमाग में विचारों की कतई कमी नहीं थी। उसने बड़े-बड़े उद्योगपतियों और उनकी फर्मों की जासूसी और आंकड़े जुटाना शुरू कर दिया। यह युवक है नाथन उर्फ नैट एंडरसन, जिसने नींव डाली निवेश शोध फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की, जिसने हाल के वर्षों में पूरी दुनिया में सनसनी मचाई हुई है। एंडरसन ने कई नामी-गिरामी कंपनियों में गड़बड़ियों के आरोप लगाकर न केवल एक वर्ग की वाहवाही लूटी, बल्कि संबंधित कंपनियों को शेयर बाजार में काफी नुकसान भी पहुंचाया। हाल ही में एंडरसन एकाएक हिंडनबर्ग रिसर्च को बंद करने की घोषणा कर फिर चर्चा में आ गए हैं। दूसरों पर अपारदर्शिता के आरोप लगाने वाले एंडरसन की दिलचस्प बात यह है कि वह खुद अपनी जिंदगी के बारे में अपारदर्शी रवैया अपनाना ही पसंद करते हैं।
नाम की कहानी
एंडरसन ने ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ नाम जानबूझकर चुना, जो 1937 के हिंडनबर्ग एयरशिप हादसे से प्रेरित था, जिसमें लगभग 35 लोग मारे गए थे। वह लोगों को शेयर बाजार की कारगुजारियों से बचाने का दावा करते हैं।
ब्रोकर से लेकर व्हिसलब्लोअर
एंडरसन ने सबसे पहले हेज फंड्स को ध्यान में रखते हुए एक ब्रोकरेज फर्म शुरू की थी, जो धोखाधड़ी का आकलन करने पर केंद्रित थी। हालांकि, 2017 तक, फर्म ने केवल 58,382 डॉलर की शुद्ध पूंजी जमा की थी, जिससे एंडरसन के मकान मालिक ने बेदखली की कार्यवाही शुरू कर दी। इन चुनौतियों के कारण एंडरसन ने अपना ब्रोकरेज लाइसेंस छोड़ दिया और हिंडनबर्ग रिसर्च की स्थापना की।
आरोपों का खेल
एंडरसन की कंपनी हिंडनबर्ग ने सितंबर 2020 में अमेरिका की इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी निकोला कॉरपोरेशन में तकनीकी खामियों समेत कई गड़बड़ियों के आरोप लगाए। जांच के बाद निकोला को दोषी भी पाया गया। लेकिन हिंडनबर्ग को सबसे ज्यादा शोहरत जनवरी 2023 में भारत के प्रमुख उद्योगपति घराने अदाणी समूह पर निवेश संबंधी गड़बड़ी के आरोप लगाने से मिली। बताया जाता है कि अदाणी समूह पर आरोप लगाने के बदले में एंडरसन की फर्म को करीब 40 लाख डॉलर की कमाई हुई थी। इसके बाद पिछले साल अगस्त में हिंडनबर्ग ने सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति पर अदाणी समूह से हितलाभ लेने का भी आरोप लगाया था।
रोल मॉडल हैं हैरी मार्कोपोलो
एंडरसन के रोल मॉडल हैरी मार्कोपोलो हैं, जो एक वित्तीय धोखाधड़ी एनालिस्ट थे। उन्होंने कुख्यात बर्नी मैडॉफ के निवेश घोटाले को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसे इतिहास के सबसे बड़े घोटालेबाजों में से एक माना जाता है।
अमीर बनने का फॉर्मूला
पूर्णकालिक शॉर्ट सेलर बनने से पहले एंडरसन काफी घबराए हुए थे, लेकिन उन्होंने सोचा कि अमीर बनना है, तो जोखिम तो उठाना ही पड़ेगा। इसके लिए उन्होंने शॉर्ट सेलिंग का सहारा लिया, जिसमें दूसरी कंपनियों की कमजोरियों का पता लगाकर बाजार में उनके शेयर गिराने का खेल रचा जाता है। यह एक तरह की ब्लैकमेलिंग ही है, जिसमें पूरा खेल उधार के शेयरों के जरिये खेला जाता है और अरबों की कमाई की जाती है।
अरबों की संपत्ति
वैसे तो नैट एंडरसन को हिंडनबर्ग रिसर्च से किए खुलासों से कितना लाभ हुआ, इसका आज तक खुलासा नहीं किया जा सका है। बचपन से ही दूसरों से सवाल पूछने के आदी एंडरसन ने खुद की संपत्ति से लेकर परिवार और उम्र सभी कुछ गोपनीय रखा है। लेकिन एक निजी वेबसाइट के अनुसार, उनकी कुल संपत्ति पचास लाख अमेरिकी डॉलर है। इतना होने पर भी एंडरसन बेहद सादे कपड़े पहनना पसंद करते हैं।
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